Bhagalpur News.शराबबंदी बिहार की जरूरत है : अधिवक्ता कर्ण

प्रभात खबर कार्यालय में लीगल काउंसलिंग का आयोजन.

By KALI KINKER MISHRA | October 6, 2025 12:46 AM

लीगल काउंसलिंग. प्रभात खबर कार्यालय में आयोजन, अधिवक्ता ने बड़ी संख्या में पाठकों के सवालों का दिया जवाबप्रभात खबर कार्यालय में रविवार को आयोजित लीगल काउंसलिंग कार्यक्रम में अधिवक्ता सह जिला विधिज्ञ संघ के सहायक सचिव चंदन कुमार कर्ण ने कहा कि शराबबंदी बिहार की जरूरत है. इसके लागू होने से समाज में सकारात्मक बदलाव आए हैं और आगे भी अच्छे परिणाम दिखेंगे. जो लोग शराबबंदी का विरोध कर रहे हैं वे राज्य की आम जनता के हितैषी कभी नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि आज जो लोग चोरी-छिपे शराब पी रहे हैं, एक न एक दिन उन्हें यह आदत छोड़नी ही होगी. अधिवक्ता कर्ण ने कहा कि यदि पुलिस इच्छाशक्ति और सख्ती के साथ काम करे तो शराबबंदी को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है. अधिवक्ता ने पाठकों के सवालों का जवाब दिया. प्रस्तुत है कुछ प्रमुख प्रश्न और उसके उत्तर…

1.

प्रश्न

– मैंने प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से एक लाख रुपया लोन लिया था. प्रत्येक माह किस्तों के माध्यम से तीन वर्षों तक लोन लौटना था. दो वर्ष तक मैंने समय पर किस्त भरा. लेकिन तीसरे साल मेरी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई. मैं छह माह तक किस्त नहीं दे सका. मुझे डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया. अब फिर से किस्त चालू करवाने जब मैं कंपनी के ऑफिस गया तो अनाप शनाप रुपए मांगे जा रहे हैं. रिकवरी एजेंट मेरे साथ बदसलूकी करता है. मेरे घर पर कभी भी आ जाता है. मैं परेशान हो गया हूं, क्या करूं ?

अरविंद कुमार शर्मा, जीरोमाइल.

उत्तर

– आप कंपनी के वरीय अधिकारी से शिकायत करें और बचे हुए लोन की राशि का सेटलमेंट करें. अगर रिकवरी एजेंट परेशान कर रहा है तो उसकी शिकायत भी कंपनी के वरीय अधिकारी से करें. अगर रिकवरी एजेंट आपको फिर भी परेशान कर रहा है तो उसकी शिकायत पुलिस से करें.2.

प्रश्न

– 26 वर्ष पहले मेरे बड़े भाई की असामयिक मौत हो गई थी. बड़े भाई पर पत्नी समेत एक पुत्र एक पुत्री की जिम्मेदारी थी. इस कारण सामाजिक दबाव के कारण शादीशुदा होने के बावजूद मेरी शादी भाभी से करा दी गयी. मैंने नई जिम्मेदारी को बखूबी निभाया, दोनों बच्चों को पढ़ाया लिखाया, दोनों की अच्छे घर में शादी की. मुझे मेरी पत्नी से दो पुत्र है और भाभी से भी एक पुत्र है. अब मेरा भतीजा कहता है कि पुस्तैनी जमीन दो हिस्सों में बंटा जाय, एक का मालिक मै अकेला बनूंगा और दूसरे हिस्से में आपके तीनों बेटों का हिस्सा होगा. उचित क्या होना चाहिए, सलाह दें.

दिवाकर मंडल, सबौर, भागलपुर.

उत्तर

– कानूनन आपके भाई का पुत्र और पुत्री आपकी संपत्ति के आधे का हिस्सेदार है. अगर सबों की सहमति है तो आप अपने भाई और अपनी संतानों के बीच बराबर बंटवारा करवा सकते हैं.3.

प्रश्न

– मैं अपने मायके की पुस्तैनी जमीन में अपना हिस्सा लेना चाहती हूं. वर्तमान में सभी जमीन मेरे पिता के नाम से है और मेरे माता पिता 10 वर्ष पहले ही गुजर गए हैं. मुझे क्या करना होगा, जो मैं अपनी पुस्तैनी जमीन को प्राप्त कर सकूं.

आशा कुमारी, जवारीपुर, भागलपुर

उत्तर

– आप वंशावली बनवा लें, फिर बंटवारानामा के आधार पर अंचल कार्यालय से अपने हिस्से की जमीन को हासिल कर सकते हैं. अगर अन्य हिस्सेदार आपके बंटवारा पर सहमत नहीं हैं तो आपको न्यायालय में बंटवारा सूट दाखिल करना होगा. निश्चित रूप से आपको हक मिलेगा.4.

प्रश्न

– मैंने अपने घरवालों की इच्छा के विरुद्ध शादी की है. इस कारण मुझे घरवाले घर घुसने भी नहीं देते हैं. मैं भागलपुर में दो साल से किराए के मकान में रह रहा हूं. क्या पैतृक संपत्ति पर अब मेरा अधिकार नहीं होगा ?

सुलेख कश्यप, आदमपुर

उत्तर

– घरवालों की इच्छा के विरुद्ध शादी करने से पैतृक संपत्ति में आपका अधिकार समाप्त नहीं होता है. अभी आपकी शादी को लेकर आपके परिवारवालों को गुस्सा है. शादी हो ही गयी है तो उन्हें मनाने का प्रयास करें और सभी एक साथ रहें. अगर लंबे समय तक घरवालों के साथ मिल्लत न हो तो आप कानूनी रास्ते से अपने हिस्से की संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं.5.

प्रश्न

– एक हत्या के मामले में मुझे गवाह बनाया गया है, जबकि मुझे घटना के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है. अब कोर्ट से वारंट निर्गत हो गया है. मुझे क्या करना चाहिए.

कार्तिक मंडल, नवगछिया.

उत्तर

– आप अपने वकील के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित हो कर घटना के संदर्भ में अपनी जानकारी को स्पष्ट कर दें. निश्चित रूप से आपको इस पचरे से मुक्ति मिल जाएगी.6.

प्रश्न

– मेरे गांव में शराब बनाने का धंधा खुलेआम किया जाता है. पिछले दिनों शिकायत पर पुलिस ने शराब बनाने वाले को जेल भी भेजा था. लेकिन जमानत पर जेल से निकलने के बाद फिर से धंधा शुरू हो गया. हालात ऐसे हैं कि शराब पी कर लोग उपद्रव करते हैं, जिससे आमलोगों को सम्मानपूर्वक जीना मुश्किल हो रहा है.

सुमन कुमार सिंह, ग्राम – बौरा, थाना – अमडंडा, कहलगांव, भागलपुर.

उत्तर

– आप फिर से थाने को आवेदन करें और भागलपुर के एसएसपी और डीआईजी से भी इसकी लिखित शिकायत करें. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. कोई भी शराब पीने और पिलाने का धंधा नहीं कर सकता है.7.

प्रश्न

– तिलकामांझी के एक डिफेंस एकेडमी के संचालक ने शिक्षक की नौकरी लगाने का झांसा दे कर मुझसे 1.60 लाख रुपये की ठगी कर ली है. डेढ़ साल से अधिक का समय हो गया. नौकरी तो नहीं लगी, अब पैसे भी वापस नहीं कर रहा है.

उत्तर

– सबसे पहले आप उक्त व्यक्ति को लीगल नोटिस भिजवाएं. फिर एक माह बाद अगर संतोषजनक जवाब नहीं आये तो थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा सकते हैं.8.

प्रश्न

– वर्ष 2012 में ज्ञापांक के बाद दैनिक मजदूर के रूप में काम मिला था. काम करने के बाद पैसे नहीं मिले तो लेबर कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद 11 माह का मेहनताना दिया गया. क्या में फिर से उक्त कार्य पाने का हकदार हूं ?

उत्तर

– बिल्कुल, आपने नियमित रूप से 90 दिनों से ज्यादा काम किया है. ऐसी स्थिति में आप फिर से काम पाने के लिए संबंधित विभाग में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लें और फिर से काम प्राप्त करने का दावा करें. अगर इसके बाद भी आपको काम नहीं मिलता है तो आप लेबर कोर्ट में वाद दायर कर सकते हैं.

त्वरित न्याय की दिशा में सक्षम साबित हो रहा है नया आपराधिक कानून

अधिवक्ता चंदन कुमार कर्ण ने कहा कि नया आपराधिक कानून न्याय प्रणाली में तेजी और पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रहा है. इससे अपराध के मामलों में जांच और सुनवाई की प्रक्रिया पहले से अधिक समयबद्ध हुई है. पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है. ऐसे में पुलिस जैसी संस्था की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वह निष्पक्षता, संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ काम करे. जांच में देरी या लापरवाही अब न्याय प्रक्रिया को कमजोर कर सकती है. नए कानून का उद्देश्य अपराधियों को सजा और पीड़ितों को राहत, दोनों को समान रूप से सुनिश्चित करना है.

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