bhagalpur news. शहर में धड़ल्ले से चल रहा जुआ का खेल, पुलिस मौन

अवैध लॉटरी और गेसिंग (सट्टेबाजी) का धंधा शहर के कई इलाकों में धड़ल्ले से चल रहा है

By ATUL KUMAR | November 1, 2025 1:50 AM

अवैध लॉटरी और गेसिंग (सट्टेबाजी) का धंधा शहर के कई इलाकों में धड़ल्ले से चल रहा है. लॉटरी और गेसिंग का खेल चलाने वाले एजेंटों में पुलिस का जरा भी भय नहीं है. यही कारण है कि बाजार, स्टेशन परिसर और कई रिहायशी इलाकों में खुलेआम जुआ-सट्टेबाजी का खेल फल-फूल रहा है.

इसे लेकर प्रभात खबर की टीम ने पड़ताल की, जिसमें कई खुलासे हुए. शहर के स्टेशन परिसर स्थित वाहन पार्किंग से लेकर, लोहिया पुल, तातारपुर, नाथनगर, माेजाहीदपुर, अलीगंज, मिरजान, सरमसपुर, रेलवे कॉलोनी जैसे इलाकों में दिन-रात गेसिंग का खेल चल रहा है.

पुलिस की नाक के नीचे फल-फूल रहा अवैध धंधा

सट्टेबाजी का अवैध कारोबार किसी छुपे कोने में नहीं, बल्कि पुलिस की नाक के नीचे जारी है. स्टेशन परिसर में टीम ने जब गेसिंग अड्डे की वास्तविकता जानने की कोशिश की, तो वहां मौजूद एजेंटों में हड़कंप मच गया. टीम मौके से वीडियो बनाया, जो कैमरे में कैद है. इसमें गेसिंग एजेंट खुलेआम सट्टे का खेल चलाते नजर आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इस गोरखधंधे में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. वहीं कुछ संपन्न वर्ग के लोग भी पर्दे के पीछे से इस कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं. बताया जाता है कि इस कारोबार से होने वाली कमाई का एक हिस्सा पुलिस तक भी पहुंचता है, जिससे इन पर अंकुश लगाना कठिन है.

प्रतिदिन 10 से 15 लाख का अवैध कारोबार

सूत्रों के अनुसार, शहर में प्रतिदिन करीब 10 से 15 लाख रुपये का सट्टा कारोबार होता है. दुर्गा पूजा के बाद से यह धंधा और तेजी पकड़ लेता है. गली-मोहल्लों से लेकर बड़े बाजार तक यह खेल चोरी-छिपे चलता रहता है. गेसिंग 12 रुपये के टिकट पर 100 रुपये मिलता है, तो लॉटरी का टिकट 120 रुपये में. इसपर 1.80 लाख तक का इनाम देने की बात कही जाती है. इसी लालच में आकर गरीब और मजदूर आकर अपना पैसा लूटा देते हैं. सूत्रों ने बताया कि अवैध लॉटरी का टिकट बंगाल के दुर्गापुर में छपता है.

युवाओं को शिकार बनाने की कोशिश

वहीं एजेंट अब शहर के युवाओं को भी इस खेल में लपेटने की कोशिश में हैं. ऑनलाइन सट्टेबाजी और मोबाइल ऐप के जरिए 24 घंटे यह धंधा चलता रहता है. युवाओं को कम समय में अमीर बनने का सपना दिखाकर एजेंट उन्हें फंसाते हैं. इसे लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक ने पहले ही कार्रवाई का निर्देश दिया था, लेकिन वह आदेश ठंडे बस्ते में है.

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