Politics in Bhagalpur. भितरघातियों की पहचान में जुटी भाजपा, नेतृत्व को भेजी जायेगी सूची

भागलपुर में भाजपा की सियासत

By KALI KINKER MISHRA | November 15, 2025 9:42 PM

ललित किशोर मिश्र, भागलपुर

भागलपुर भाजपा में अंतर्कलह व चुनाव के समय भितरघात आज की बात नहीं है, यह सालों से चली आ रही है. कई नेताओं को इससे दो-चार होना पड़ा है. पार्टी में दिग्गज व महत्वाकांक्षी नेताओं की कमी नहीं है, जिस वजह से खेमेबाजी होना लाजिमी है. इस चुनाव से पहले एक उपचुनाव व दो विधानसभा चुनाव में भितरघात देखने को मिली. जिस वजह से ग्यारह वर्षों में हुए तीनों चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा.कहा जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में भी भागलपुर में भितरघात की कोशिश हुई. लेकिन सफलता नहीं मिली. मतदाता व पार्टी की रणनीति से भितरघातियों को करारा जवाब मिला और एनडीए प्रत्याशी रोहित पांडे को जीत की माला को पहनाया. इस बार भितरघातियों को पार्टी स्तर पर करारा जबाव देने की तैयारी की जा रही है.कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने भितरघात की कोशिश की, उनके नामों की सूची शीर्ष व प्रदेश नेतृत्व को भेजा जायेगा और उन्हें सारी जानकारी दी जायेगी. यह काम शपथ ग्रहण के बाद किया जायेगा. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसे तत्व सिर उठाने की कोशिश न करे.

– 2014 के लोकसभा चुनाव से ही शुरू हुआ था भितरघात का खेल

जिला भाजपा में भितरघात के खेल की शुरूआत 2014 में हुए लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ था. उस समय सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे. भितरघात के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2015 में विधानसभा उपचुनाव में भी इसी वजह से भाजपा प्रत्याशी नभय कुमार चौधरी चुनाव हार गये. उसके बाद अर्जित शाश्वत चौबे चुनाव लड़े. इनको प्रत्याशी बनाये जाने पर जोरदार विरोध हुआ, अर्जित भी चुनाव हार गये. उसके बाद रोहित पांडे को मौका मिला तो ये भी भितरघात के शिकार हो गये मामूली अंतर से अजीत शर्मा से हार गये.

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