Bhagalpur News. दशहरा से पहले नगर सरकार और कैबिनेट के बीच मनमुटाव, विरोध विकास योजना पर पड़ेगा भारी

भागलपुर नगर निगम में मनमुटाव.

By KALI KINKER MISHRA | September 28, 2025 10:10 PM

-पूजा के बाद चरणबद्ध आंदोलन करने की चेतावनी बना चिंता का विषय-प्रमंडलीय आयुक्त को मेयर की ओर से पत्र लिखने के बाद से शुरू हुआ मतभेद

दशहरा से पहले नगर सरकार और उनकी कैबिनेट के बीच बढ़ता मनमुटाव अब नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है. यह स्थिति तब पैदा हुई जब मेयर ने कमिश्नर को पार्षदों के व्यवहार के संबंध में पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया, तभी से इस पर विरोध की झलक सामने आने लगी. अब यह तेजी से बढ़ता दिख रहा है. वार्ड नंबर 13 के पार्षद रंजीत मंडल ने खुलकर विरोध जता दिया है. बेशक, रंजीत मंडल खुलकर सामने आए हैं, लेकिन पार्षद हैं जो परदे के पीछे से रंजीत मंडल का समर्थन व मुद्दे के खिलाफ दिखाई दे रहे हैं. रंजीत मंडल ने स्थायी समिति की हालिया बैठक को नाटक करार देते हुए मेयर को इसका डायरेक्टर बताया.पार्षद ने चेतावनी दी है कि दुर्गापूजा के बाद यदि मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया तो चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. मनमुटाव का असर सीधे नागरिक सुविधाओं पर दिखेगा. कई योजनाएं केवल प्रस्ताव तक सीमित रहने की उम्मीद बन गयी है. ऐसे भी बैठक में लिया गया प्रस्ताव ज्यादातर लंबित ही रहता है.

ताजा उदाहरण सैंडिस कंपाउंड में प्रवेश शुल्क का है. प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि आम नागरिकों से शुल्क नहीं लिया जाएगा और मुहर भी लगायी गयी. इसके बावजूद इस निर्णय को लागू कराने में विफल रहा. इससे लोगों में असंतोष बढ़ा है और यह दर्शाता है कि प्रशासनिक निर्णयों को कार्यान्वित करने में गंभीर समस्याएं हैं. ऐसे मनमुटाव से न केवल योजनाओं की गति प्रभावित हो रही है बल्कि नागरिकों का विश्वास भी कमजोर हो रहा है.

यहां से शुरू हुआ मनमुटाव

नगर निगम द्वारा 8.73 करोड़ रुपये की 73 योजनाओं का टेंडर जारी होते ही विवाद गहराया. कई पार्षदों ने आरोप लगाया कि वार्डवार योजनाओं में भारी असमानता है. उनका कहना है कि कुछ वार्डों में केवल 22 लाख रुपये की योजनाएं स्वीकृत की गयी, तो कहीं 40-50 लाख तक ही राशि दी गयी. वहीं, कुछ वार्डों में एक से डेढ़ करोड़ रुपये की योजनाओं के टेंडर जारी किये गये हैं. इस असमान वितरण को पार्षदों ने जनप्रतिनिधियों और आम जनता के साथ सीधा अन्याय बताया. विवाद तब और गहरा गया जब मेयर ने इस मुद्दे पर प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिखकर पार्षदों को उचित दिशा-निर्देश देने की मांग कर दी. इसके बाद नाराज पार्षदों का शिष्टमंडल नगर आयुक्त से मिला और आपत्ति दर्ज करायी. इसी कदम ने विरोध को और तेज कर दिया.

वार्ड 13 के पार्षद का आरोप

-तीन साल से वार्ड 13 के किसी भी प्रस्ताव का कार्यान्वयन नहीं हुआ.

-मेयर के निजी प्रस्ताव तुरंत लागू कर दिए जाते हैं.

-नाले और सड़क की समस्या आज भी जस की तस है.

-प्रोफेसर कॉलोनी में पानी भराव से लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं.

-लब्बू पासी इलाके की सड़क पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन समाधान नहीं.

-वार्ड 13 के साथ खुला भेदभाव किया जा रहा है.

-मेयर विकास योजनाओं में पक्षपात कर वार्ड 13 की अनदेखी कर रही है.

तीन बैठक में लाया प्रस्ताव, फिर भी पार्षद भवन नहीं बना शतप्रतिशत

हर वार्ड में पार्षद भवन का निर्माण प्रस्तावित है. पिछले तीन बैठकों में प्रमुखता से इसको रखा भी जा रहा है लेकिन, इसका इंप्लीमेंट शत प्रतिशत नहीं हो सका है. कुछ जगहों के लिए जमीन तक नहीं मिल सकी है.

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