पटना के बाद अब भागलपुर में बागेश्वरधाम सरकार का लगेगा दरबार, इस दिन आ सकते हैं धीरेंद्र शास्त्री
Bageshwar Baba: बागेश्वरधाम सरकार यानी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री सितंबर में भागलपुर आ रहे हैं. उनका दिव्य दरबार सैंडिस स्टेडियम या हवाई अड्डा मैदान में आयोजित हो सकता है. आयोजकों ने तैयारियों को लेकर कमर कस ली है.
Bageshwar Baba: बागेश्वरधाम सरकार यानी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री पटना के बाद अब भागलपुर में दिव्य दरबार लगायेंगे. यह कार्यक्रम सितंबर महीने में आयोजित किया जाएगा. इसकी जानकारी अटल विचार परिषद के संयोजक अर्जित शाश्वत चौबे ने दी है. उन्होंने बताया कि बागेश्वरधाम सरकार को पहले जुलाई-अगस्त में आमंत्रित किया जाना था, लेकिन व्यस्त कार्यक्रमों के कारण अब यह ऐतिहासिक आयोजन सितंबर में सुनिश्चित किया गया है.
शहर के दो बड़े मैदानों पर मंथन, भक्तों की भारी भीड़ की उम्मीद
धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के लिए सैंडिस स्टेडियम या भागलपुर एयरपोर्ट मैदान को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. अंतिम स्थल का निर्णय जल्द लिया जाएगा, लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर आयोजन समिति तक सभी सतर्क हैं क्योंकि लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भागलपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
पटना में दिख चुका है सनातन का विराट स्वरूप
इससे पहले 6 जुलाई को पटना के गांधी मैदान में आयोजित सनातन महाकुंभ में भी धीरेंद्र शास्त्री ने शिरकत की थी. वह आयोजन इतना विराट था कि गांधी मैदान छोटा पड़ गया था. वहां पद्मभूषण जगतगुरु रामभद्राचार्य समेत देशभर के प्रमुख संतों का आगमन हुआ था. पटना के अनुभव को देखते हुए भागलपुर की धरती भी अब सनातन ऊर्जा से गूंजने को तैयार है.
अश्विनी चौबे सनातन चेतना अभियान की करेंगे शुरुआत
इधर, भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बुधवार से दो दिवसीय यात्रा पर भागलपुर पहुंचे हैं. उनका उद्देश्य सनातन संघ चेतना अभियान की शुरुआत है. यात्रा का आगाज़ दरियापुर से होगा, जहाँ वह अपने कुलदेवी का आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ेंगे.
इसके बाद वे ‘सनातन संवाद स्मारिका’ का विमोचन करेंगे, जो जगतगुरु रामानुजाचार्य अनंताचार्य जी महाराज के करकमलों द्वारा संपन्न होगा. इस अभियान के ज़रिए समाज में धार्मिक जागरण, संस्कृति की चेतना और युवाओं में अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया जाएगा.
भागलपुर बनेगा सनातन चेतना का केंद्र
अर्जित शाश्वत चौबे ने साफ किया कि धीरेंद्र शास्त्री का यह दौरा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक क्रांति का सूत्रपात है. सनातन संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाने का ये प्रयास भागलपुर को देश के प्रमुख धार्मिक नगरों की पंक्ति में ला खड़ा करेगा.
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