बगहा में लोगों ने पेड़-पौधों के साथ खेली पारंपरिक होली, झाल-करताल के साथ उड़ाए अबीर-गुलाल

बगहा में लोगों ने पेड़-पौधों के साथ पारंपरिक होली का त्योहार मनाया. यहां पर्यावरण प्रेमी हर साल पेड़-पौधों के साथ त्योहार मनाते हैं और एक-दूसरे का सम्मान करने का संदेश देते हैं. अबीर गुलाल और झाल करताल के साथ पूरी आस्था के साथ होली मनाई जाती है.

By Anand Shekhar | March 26, 2024 3:10 PM

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा में लोग पूरी आस्था के साथ पेड़-पौधों के साथ होली का त्योहार मनाते हैं. इतना ही नहीं पर्यावरण प्रेमी रक्षाबंधन और दिवाली का त्योहार भी पेड़-पौधों के साथ मनाते रहे हैं. यहां पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव पिछले 21 वर्षों से अपने दोस्तों के साथ पेड़-पौधों के साथ अनोखी होली मनाते आ रहे हैं. उन्होंने आजीवन कुंवारे रहने का संकल्प लिया है और पेड़-पौधे को ही अपना माता-पिता मानकर उनकी सेवा करते हैं.

अब तक 10 लाख पेड़ पौधे लगा चुके हैं गजेंद्र

गजेन्द्र यादव दिन-रात पेड़-पौधों की सेवा में लगे रहते हैं और 2003 से अब तक लगभग 10 लाख पौधे लगा चुके हैं. वे धरती पर स्वच्छ वातावरण के लिए कम से कम हर त्योहार, जन्मदिन या किसी भी उत्सव पर एक-दूसरे को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। इसी क्रम में पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने मंगलवार को आईपीएस विकाश वैभव चौराहे पर अपने दोस्तों, प्रबुद्ध नागरिकों और ग्रामीणों के साथ अनोखे अंदाज में होली मनाई, पेड़-पौधे, अबीर गुलाल और सादा पानी के साथ पारंपरिक ढोल करताल, भजन कीर्तन के साथ उन्होंने होली खेली.

पेड़ धरती पर सबसे पुराने पूर्वज

इस दौरान पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने बताया कि पेड़ धरती पर सबसे पुराने पूर्वज हैं. देखा जाए तो वृक्ष धरती माता के प्रथम पुत्र हैं और हमारे लिए सदैव पूजनीय हैं. इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. इन वृक्षों में प्राणवायु और ऑक्सीजन का अक्षय भण्डार निहित है. जिसकेपत्तियां स्वतः ही गिरकर इधर-उधर बिखर जाती हैं और अन्य पौधों को खाद प्रदान करती हैं.

उन्होंने कहा कि पेड़ हमे रोजमर्रा की जिंदगी की जरूरतों के लिए कागज के लिए पत्तियां और ऊपरी शाखाएं पृथ्वी के भीतर से सूर्य की किरणों तक नमी या पानी के कणों की आपूर्ति करने के लिए एक ट्यूब प्रणाली के रूप में काम करती हैं.

पेड़ के बिहार पृथ्वी पर जीवन असंभव

गजेंद्र यादव ने कहा कि सूर्य की किरणें नदियों और महासागरों से पानी के कणों को अवशोषित करती हैं और वर्षा में योगदान करती हैं. यह बारिश पर्यावरण संरक्षण और हरियाली दोनों के लिए जरूरी है. पेड़ धरती पर जीवन के धागों की तरह फैले हुए हैं. पेड़ पृथ्वी पर जीवन के प्रतीक हैं जिनके बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव है. पेड़ ऑक्सीजन से लेकर भोजन तक हर चीज का स्रोत हैं. पेड़ जीवन को सहारा देने वाली आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. हवा, पानी, ईंधन-ऊर्जा, स्वस्थ मिट्टी और स्वच्छ आकाश से लेकर अनेक औषधियाँ और जीवन संरक्षण के अनेक स्रोत, ये वृक्षों की इच्छाशक्ति हैं. वृक्ष पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी को लाभ पहुंचाते हैं. पेड़ और पृथ्वी ग्रह एक दूसरे पर निर्भर हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते हैं. पेड़ हवा, मिट्टी और पानी को शुद्ध करते हैं और पृथ्वी को मजबूत बनाते हैं.

https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/03/bagaha-holi.mp4

पर्यावरण प्रेमी सीएम व डिप्टी सीएम से हो चुके हैं पुरस्कृत

बता दें कि पर्यावरण के क्षेत्र में गजेंद्र यादव के बेहतर काम को देखते हुए साल 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पुरस्कृत किया था. इसके बाद साल 2017 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी गजेंद्र यादव 2003 से पर्यावरण के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान और अब तक लगभग 10 लाख पेड़ लगाकर उनकी दिन-रात की निरंतर सेवा को देखते हुए पुरस्कृत किया था.

https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/03/bagaha-holi-1.mp4

इन लोगों ने खेली पेड़ों के साथ होली

पेड़ पौधों के साथ होली खेलने वालों में पर्यावरण प्रेमियों में क्रमश शंभूनाथ शुक्ल , रामसकल साह , कमलेश चतुर्वेदी , जयकुमार श्रीवास्तव , रमेश प्रसाद फौजी , चन्द्रशेखर कुमार यादव ,जयप्रकाश यादव ,प्रिन्स कुमार , प्रमोद यादव ,लालजी यादव , सुनील यादव , छोटलाल राम , एकबाली यादव , मुलदेव चौधरी , रामायण पासवान ,दीपक बीन , रूदल चौधरी , भुआल चौधरी ,मंजीत कुमार , अमित कुमार , राजदेव कुशवाहा , प्रजा राम , गौतम कुमार ,रामजीत राम , विशाल कुमार , उदयन कुमार ,संजीव तिवारी , बाबा किना राम , फेकू यादव , नरेश यादव , शोभा ठाकुर , किशोर शर्मा ,पप्पु साह ,समेत अन्य मौजूद रहे .

Also Read : होली पर स्कूल पहुंचने में शिक्षकों का हुआ बुरा हाल, भड़के पप्पू यादव ने गिरिराज सिंह से पूछा ये सवाल

रिपोर्ट- चंद्रप्रकाश आर्य, बगहा

Next Article

Exit mobile version