बगहा का बाघ बना आदमखोर, दो महीने में दो लोगों की ले ली जान, वन विभाग के खिलाफ आदिवासियों में गुस्सा

बगहा स्थित वाल्मिकी टाईगर रिजर्व का बाघ आदमखोर होता जा रहा है. वाल्मिकी टाईगर रिजर्व से सटे हरनाटाड़ वनक्षेत्र अंतर्गत लौकरिया थाना क्षेत्र के बैरिया काला गांव में सोमवार को बाघ के हमले में एक महिला की जान चली गयी. बाघ के हमले से दो माह के भीतर यह दूसरी मौत हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2022 1:40 PM

बगहा. बगहा स्थित वाल्मिकी टाईगर रिजर्व का बाघ आदमखोर होता जा रहा है. वाल्मिकी टाईगर रिजर्व से सटे हरनाटाड़ वनक्षेत्र अंतर्गत लौकरिया थाना क्षेत्र के बैरिया काला गांव में सोमवार को बाघ के हमले में एक महिला की जान चली गयी. बाघ के हमले से दो माह के भीतर यह दूसरी मौत हुई है. इस घटन के बाद से उस इलाके के स्थानीय आदिवासी समुदाय में आक्रोश व्याप्त है. आक्रोशित आदिवासियों ने महिला के शव के साथ मंगलवार को प्रदर्शन किया.

लोगों में डर का माहौल

लोगों ने कहा कि दो लोगों की मौत के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई पेट्रोलिंग नहीं करायी जाती है. बैरिया गांव आये दिन बाघों की चहलकदमी होती रहती है. इससे लोगों में डर का माहौल बना रहता है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग घटना के बाद एक दो दिनों तक पेट्रोलिंग कराकर खानापूर्ति कर देता है. ग्रामीण इसी बात को लेकर वन विभाग का विरोध कर रहे हैं.

लापरवाही करने वाले पर होगी कार्रवाई

इस संबंध में वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेसामणी के ने बताया कि हरनाटाड़ वनक्षेत्र अधिकारी के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम को घटनास्थल पर भेजा गया. साथ ही घटना के जांच का निर्देश दिया गया है. निदेशक ने बताया कि गश्ती में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. साथ ही वनक्षेत्र अधिकारियों के नेतृत्व मे पेट्रोलिंग बढ़ाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है.

क्या है घटना

वाल्मीकि वन प्रमंडल दो के हरनाटाड़ वनक्षेत्र अंतर्गत बैरिया काला गांव में बाघ ने 45 वर्षीय बैरिया निवासी गुलबंदी देवी पर हमला कर दिया था. महिला खेत में सोहनी करने गयी थी. इसमें महिला की मौके पर ही मौत हो गयी. वन विभाग के अधिकारी सूचना देने के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. इधर, लौकरिया थानाध्यक्ष अभय कुमार ने बताया की घटनास्थल पर पुलिस टीम पहुंच गई और वन विभाग की टीम के आने के बाद घटनास्थल से महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

शव के साथ किया प्रदर्शन

हरनाटाड़ वनक्षेत्र में थारू आदिवासियों की बहुलता है. बाघ के हमले में मारी गई महिला के शव के साथ थारू समुदाय के आदिवासियों ने प्रदर्शन किया. शव के साथ लोगा सड़क पर उतर गए. थारू आदिवासी समुदाय के लोगों ने वन विभाग के खिलाफ हल्ला बोल दिया. आदिवासियों का कहना है कि आखिरकार कब तक हमलोग बाघों का निवाला बनते रहेंगे. यहां कई बार बाघ लोगों पर हमला कर चुके हैं. अब तक आधा दर्जन लोगों की जान बाघ के हमले में जा चुकी है.

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