पुत्रवधू की हत्या मामले में उम्र कैद

बांका : अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय संतोष कुमार पांडेय की अदालत में पुत्रवधू की हत्या के मामले में विचारण के बाद दोषी पाते हुए सोमवार को आरोपित ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. साथ ही कोर्ट ने उनके ऊपर 50 हजार जुर्माना भी लगाया है, जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर आरोपित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 7:59 AM

बांका : अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय संतोष कुमार पांडेय की अदालत में पुत्रवधू की हत्या के मामले में विचारण के बाद दोषी पाते हुए सोमवार को आरोपित ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. साथ ही कोर्ट ने उनके ऊपर 50 हजार जुर्माना भी लगाया है, जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर आरोपित को अतिरिक्त पांच माह की सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने यह सजा धनकुंड थाना क्षेत्र के सिझत गांव निवासी योगींदर मांझी को सुनाई है.

आरोपितों ने विगत 28 अक्तूबर 2017 को सुबह सबेरे घटना को अंजाम दिया था. उधर कोर्ट में एपीपी राजीव कुमार व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रेम रंजन दीक्षित ने बहस में हिस्सा लिया.
क्या था मामला
आरोपित का पुत्र इंदल मांझी की शादी भागलपुर जिला के गौराडीह थाना क्षेत्र के सियारगढ़ निवासी अरुण मांझी की पुत्री आशा देवी के साथ घटना के तीन वर्ष पूर्व हुई थी. घटना को लेकर मृतका के पिता ने स्थानीय थाना में पुत्री के हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें उन्होंने पुत्री के साथ मारपीट कर उसे आग लगाकर हत्या करने का आरोप ससुर व अज्ञात पर लगाया था. मृतका का पति बाहर रहकर मजदूरी करता था.
घटना का कारण आरोपित ससुर अपने पुत्रवधू के साथ अवैध संबंध स्थापित करने का दबाव बनाता था. जिसका पुत्री विरोध करती थी. इसको लेकर अक्सर पुत्री के साथ मारपीट व प्रताड़ित किया जाता था. कई बार पुत्री अपने मायके पहुंचकर मामले की सूचना दी थी. छठ पूजा में दामाद के आने पर पुत्री को विदा किया गया. जिसके बाद ससुर व अन्य लोगों ने मारपीट कर पुत्री की हत्या कर दी.

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