आंठवें वेतन आयोग के गठन की मांग को लेकर कर्मियों ने किया प्रदर्शन
सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो
आरा.
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने आंठवें वेतन आयोग के गठन की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में महासंघ जिलाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव एवं जिला मंत्री विनोद यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अराजपत्रित कर्मचारी शामिल हुए. केंद्र सरकार की घोषणा के आठ महीने के बाद भी आठवें वेतन पुनरीक्षण समिति का गठन नहीं करने के कारण अराजपत्रित कर्मचारियों के बीच जबरदस्त आक्रोश है. बता दें कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्णयानुसार शुक्रवार की आठवें वेतन आयोग गठित करने की मांग को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया है. मौके पर उपस्थित महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुबेश सिंह ने अराजपत्रित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनवरी महीने में ही प्रधानमंत्री के द्वारा आंठवां वेतन पुनरीक्षण को मंजूरी दी गयी थी. जनवरी 2026 से लागू होना है. परंतु प्रधानमंत्री के घोषणा के आठ महीने बाद भी आयोग का गठन नहीं किया गया, जिसके कारण समय से वेतन पुनरीक्षण लागू होने पर संदेह है. सरकार से पीएफआरडीए एक्ट को रद्द कर सभी कर्मचारियों के पुनः पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, निजीकरण पर रोक लगाने, ठेका संविदा पर नियोजन के बदले स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने एवं श्रम संहिताओं को परिवर्धित करने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की. कर्मचारी नेताओं द्वारा एक स्वर से आठवां वेतन आयोग का शीघ्र गठन के साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने की गयी. कार्यक्रम में भुनेश्वर ठाकुर, शंभू प्रसाद, अरुण सिंह, सुरेश गोंड, बब्लू, लोकेश नाथ, सुमन कुमारी, पूजा कुमारी, प्रकाश सिंह, आलोक कुमार सतीश प्रसाद, अंजलि, प्रभा, सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे.सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो फोटो नंबर-1, प्रदर्शन करते अराजपत्रित कर्मचारी.आरा. बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने आंठवें वेतन आयोग के गठन की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में महासंघ जिलाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव एवं जिला मंत्री विनोद यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अराजपत्रित कर्मचारी शामिल हुए. केंद्र सरकार की घोषणा के आठ महीने के बाद भी आठवें वेतन पुनरीक्षण समिति का गठन नहीं करने के कारण अराजपत्रित कर्मचारियों के बीच जबरदस्त आक्रोश है. बता दें कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्णयानुसार शुक्रवार की आठवें वेतन आयोग गठित करने की मांग को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया है. मौके पर उपस्थित महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुबेश सिंह ने अराजपत्रित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनवरी महीने में ही प्रधानमंत्री के द्वारा आंठवां वेतन पुनरीक्षण को मंजूरी दी गयी थी. जनवरी 2026 से लागू होना है. परंतु प्रधानमंत्री के घोषणा के आठ महीने बाद भी आयोग का गठन नहीं किया गया, जिसके कारण समय से वेतन पुनरीक्षण लागू होने पर संदेह है. सरकार से पीएफआरडीए एक्ट को रद्द कर सभी कर्मचारियों के पुनः पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, निजीकरण पर रोक लगाने, ठेका संविदा पर नियोजन के बदले स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने एवं श्रम संहिताओं को परिवर्धित करने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की. कर्मचारी नेताओं द्वारा एक स्वर से आठवां वेतन आयोग का शीघ्र गठन के साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने की गयी. कार्यक्रम में भुनेश्वर ठाकुर, शंभू प्रसाद, अरुण सिंह, सुरेश गोंड, बब्लू, लोकेश नाथ, सुमन कुमारी, पूजा कुमारी, प्रकाश सिंह, आलोक कुमार सतीश प्रसाद, अंजलि, प्रभा, सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
