सरकार की बनायी गयी कमेटी वित्तरहित शिक्षकों के साथ धोखा
सरकार की गठित कमेटी का वित्तरहित शिक्षकों ने किया विरोध
आरा.
वित्त रहित शिक्षक संघ वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार ने बिहार राज्य अंतर्गत वित्त रहित शिक्षण संस्थानों उसमें कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों के लिए बिहार सरकार शिक्षा विभाग द्वारा मुख्य सचिव बिहार की अध्यक्षता में बनायी गयी नौ सदस्यों की कमेटी का अपने शिक्षक साथियों डॉ सुबोध प्रताप सिंह, डॉ पसुराम सिंह, डॉ योगेंद्र राय, प्रो शैलेंद्र कुमार, प्रो हरेराम ठाकुर एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के चारों जिलाें के विभिन्न महाविद्यालयों से आये साथियों के साथ समीक्षा कर एक स्वर में कड़ा विरोध किया. डॉ कुमार ने प्रेस को बताया कि यह कमेटी बनना लॉलीपॉप है. इसमें सभी नौकर शाह हैं.इसमें एक भी जनप्रतिनिधि या शिक्षक प्रतिनिधि नहीं हैं, जो हमारी बातों को दमदार ढंग से रख सकता है. यह आगामी चुनाव तक टालने का एक मात्र दिखावा है. इसके पूर्व भी वित्त रहित शिक्षको ने तीन कमेटियों कृष्ण बहादुर कमेटी, जगदानंद कमेटी एवं रघुवंश कमेटी को देखा है. इस तरह की कमेटी से हमें कुछ नहीं मिला है. वित्तरहितों ने भी यह सोच लिया है कि या तो चुनाव के पहले वेतनमान की घोषणा हो या चुनाव में सरकार का विरोध होगा. हमलोग वोटर के साथ-साथ मोटिवेटर भी हैं. पूरे बिहार में वित्तरहित शिक्षक घर-घर जाकर सरकार के विरोध में प्रचार करेंगे. सरकार ने इसके पूर्व बहुत सारे विभागों को बगैर किसी कमेटी का गठन किये वेतन मे बढ़ोत्तरी कर दिया गया, लेकिन वित्तरहित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया. अंत में डॉ कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा बनायी गयी कमेटी वित्तरहित शिक्षकों के साथ धोखा है. वेतन-पेंशन देने के बजाय टालमटोल बर्दाश्त नहीं. 03 अक्टूबर को पूरे बिहार के वित्तरहित शिक्षा संस्थानों में अधिसूचना की प्रतियां जलाकर विरोध किया जायेगा.
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