होली के बाद काम पर परदेस लौटने के लिए यात्रियों की बढ़ी भीड़, ट्रेनों में जगह नहीं
आरा जंक्शन पर विभिन्न शहरों को जाने के लिए हर दिन पहुंच रहे हजारों लोग
आरा.
होली खत्म होने के बाद ट्रेनों में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है. पर्व में अपने गांव और घर आये परदेसी अब अपने-अपने काम पर लौटने लगे हैं. श्रमजीवी एक्सप्रेस और नई दिल्ली जानेवाली ट्रेनों में काफी भीड़ देखी जा रही है. जबकि बेंगलुरु, गुजरात तक जानेवाली ट्रेनों में भी ट्रेन पर सवार होने और जगह पाने के लिए मारामारी की नौबत है. अमूमन यही स्थिति बिहिया से लेकर बक्सर स्टेशन की भी है. इधर पर्व को लेकर रिजर्वेशन की लंबी वेटिंग है.रिजर्वेशन काउंटर पर भी यात्री सुबह से रेल टिकट के लिए कतार में खड़े हो रहे हैं. दरअसल, होली का पर्व खत्म होने के बाद काम पर लौटना लोगों की मजबूरी है. यही कारण है कि दानापुर जंक्शन से खुलनेवाली हर ट्रेन में एक जैसा हाल है. जितने यात्री बैठे हैं, उससे कहीं ज्यादा लोग खड़े होकर कर रहे सफर कर रहे हैं. संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में रविवार को स्लीपर बोगी में जनरल सा नजारा दिखा. जबकि जनरल बोगी में जितने यात्री सीट पर थे, उससे ज्यादा खड़े दिखे. चूंकि सीधा दिल्ली कम समय में पहुंचाती है, इसलिए लोग आरा से दिल्ली जाने वाली ट्रेन में भी चढ़ रहे हैं.
लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग :
श्रमजीवी एक्सप्रेस से दिल्ली जानेवाले नीरज कुमार उर्फ बबलू भीड़ छंटने का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि ट्रेन की हर बोगी के सामने चढ़ने के लिए लोग बेताब थे. पूछने पर उन्होंने कहा कि क्या करें, कोई उपाय नहीं है. उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने कहा कि हर साल होली के समय इसी तरह घर आते-जाते हैं. रेलवे को यहां से लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी. यह परेशानी अकेले सिन्हा और उनके परिवार की नहीं थी, बल्कि कई लोग ट्रेन पर सवार होने की आपाधापी से काफी परेशान थे. यहां उल्लेख्य है कि आरा से लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन की मांग लंबे अर्से से होती आ रही है, पर इस मामले में राजनीतिक खामोशी बनी हुई है. जबकि इस मुद्दे पर कई-कई बार आंदोलनात्मक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
