बिहार: मुजफ्फरपुर में बढ़े AES के मामले, दो और बच्चियां संक्रमित, पीड़ितों की संख्या 50 पहुंची

बिहार के मुजफ्फरपुर में AES संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहा हैं. हालांकि, राहत की बात है कि बच्चों का सफलता से इलाज किया जा रहा है. एसकेएमसीएच में दो और बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2023 7:58 AM

बिहार के मुजफ्फरपुर में AES संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहा हैं. हालांकि, राहत की बात है कि बच्चों का सफलता से इलाज किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि एसकेएमसीएच में पिछले 15 दिनों से भर्ती पारू के सोनू कुमार की डेढ़ वर्ष की पुत्री आराध्या कुमारी और 17 जून को भर्ती बोचहां निवासी रमेश पासवान की दो वर्षीय पुत्री ब्यूटी कुमारी में एइएस की पुष्टि की गयी. दोनों बच्चियों को एइएस वार्ड से अलग रखा गया था. बीमारी की पुष्टि होने तक दोनों की स्थिति पहले से बेहतर हो गयी थी. शनिवार को दोनों बच्चियों को डिस्चार्ज किया गया. एसकेएमसीएच में जनवरी से लेकर अब तक एइएस से पीड़ित 50 बच्चे भर्ती हुए हैं, जिनमें 48 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट गये. दो बच्चों के माता-पिता अस्पताल को बगैर सूचना दिये इलाजरत बच्चे को लेकर चले गये.

एईएस के साथ अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हैं बच्चे

एसकेएमसीएच के चिकित्सकों ने बताया कि एईएस के साथ बच्चे पीलिया, डायरिया, जुकाम-खांसी से भी पीड़ित हो रहे है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि एईएस का इलाज अगर वक्त पर शुरू हो जाए तो मरीज के कम से कम परेशानी में स्वस्थ्य किया जा सकता है. इस वर्ष अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है. सब कुछ नियंत्रण में है. बच्चों के इलाज के लिए सभी दवाओं की डोज उपलब्ध है. इसके साथ ही, अन्य सभी तरह की व्यवस्थाएं भी पूर्ण है. सभी चिकित्सक पूरी लगन के साथ अपना काम कर रहे हैं.

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बच्चों को डायरिया और मच्छरों से बचाएं

एसकेएमसीएच के चिकित्सकों ने बताया कि इस बार ऐसे बच्चे भी एईएस की चपेट में आए हैं जो घर से बाहर खेलने के लिए नहीं गए. ऐसे में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. बच्चों को डायरिया और मच्छरों से बचाकर रखने की जरूरत है. इसके साथ ही, पानी उबालकर ठंडाकर दें और ताजा खाना खिलायें.

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