लकड़ावाला ने काठमांडू में बना रखा था ठिकाना
कौशिक रंजन, पटना : कुछ दिनों पहले मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम के सबसे करीबी में एक एजाज यूसुफ लकड़ावाला को पटना से दबोचा गया था. उसे मुंबई पुलिस की एटीएस अपने साथ ले गयी और पूछताछ कर रही है. उसने कई अहम खुलासे किये हैं. उसके बताये तमाम तथ्यों की कई स्तर पर जांच शुरू […]
कौशिक रंजन, पटना : कुछ दिनों पहले मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम के सबसे करीबी में एक एजाज यूसुफ लकड़ावाला को पटना से दबोचा गया था. उसे मुंबई पुलिस की एटीएस अपने साथ ले गयी और पूछताछ कर रही है. उसने कई अहम खुलासे किये हैं. उसके बताये तमाम तथ्यों की कई स्तर पर जांच शुरू हो गयी है, जिसमें मुंबई एसटीएफ के अलावा राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों को भी लगाया गया है.
नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी दाऊद कंपनी ने करोड़ों का निवेश करके काफी बड़ा कारोबार खड़ा कर रखा है. सबसे बड़ा निवेश इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में है. कई कंस्ट्रक्शन और अन्य कंपनियों में भी उसका पैसा लगा हुआ है. इसमें नेपाल के कई नेताओं की भी पार्टनरशिप है.
2008-09 से ही काठमांडू में दाऊद कंपनी के निवेश का सिलसिला शुरू हुआ. काठमांडू का कारोबार मुख्य रूप से लकड़ावाला ही देखता था. इस वजह से कनाडा के बाद उसने अपना दूसरा सबसे अहम ठिकाना यहीं बना रखा था. उसका अक्सर आना-जाना और लंबे समय तक यहां रहना भी होता था. पूछताछ में यह भी जानकारी मिली कि काठमांडू के बानिशबाड़ी इलाके में दाऊद का एक आलीशान होटल भी है.
इसे उसका खास गुर्गा फिरोज लारी चलाता है. नेपाल सीमा से उसके कुछ दूसरे लोग नकली भारतीय नोट और मादक पदार्थों की तस्करी का भी धंधा ऑपरेट करते हैं. इन सामानों को देश में अलग-अलग स्थानों तक पहुंचाने के लिए बिहार के रूट का भी उपयोग प्रमुखता से किया जाता है.
छोटे-छोटे स्तर पर तस्करी को अंजाम दिया जाता था, ताकि ये पकड़ में नहीं आ सके. लकड़ावाला ने यह भी बताया कि दाऊद गैंग का एक दूसरा बड़ा धंधा हवाला का भी है. इसके एजेंट पटना समेत कई दूसरे शहरों में भी फैले हुए हैं. मुंबई में रहने वाला तारिक परवीन नामक व्यक्ति उसके इस हवाला नेटवर्क का मुख्य रूप से संचालन करता है.