इन तीन वजहों से टीम इंडिया के सर नहीं सज सका WTC का ताज, वरना कोहली एंड कंपनी रच देती इतिहास

WTC Final,India Vs New Zealand : साउथेम्प्टन में चल रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल के दौरान भारतीय बल्लेबाज तीन साल में पहली बार किसी टेस्ट मैच में अर्धशतक बनाने में नाकाम रहे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2021 7:55 AM

WTC Final,India Vs New Zealand : विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल गंवाते ही विराट कोहली का पहला आईसीसी टूर्नामेंट जीतने का सपना भी टूट गया. भारत को 8 विकेट से हराकर न्यूजीलैंड टेस्ट का वर्ल्ड चैंपियन बन गया. भारत के 139 रन के लक्ष्य को न्यूजीलैंड ने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया. इस ऐतिहासिक जीत के साथ न्यूजीलैंड ने टेस्ट की रैंकिंग में टॉप की अपनी पॉजिशिन को कायम रखा है. न्यूजीलैंड की टीम ने खिताबी मुकाबले में शुरू से ही शानदार प्रदर्शन किया और टीम इंडिया को खेल के हर क्षेत्र में मात दी.

भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप शो 

साउथेम्प्टन में चल रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल के दौरान भारतीय बल्लेबाज तीन साल में पहली बार किसी टेस्ट मैच में अर्धशतक बनाने में नाकाम रहे. भारत रोज बाउल में शिखर संघर्ष के छठे दिन अपनी दूसरी पारी में 170 रनों पर ढेर हो गया और कीवी टीम को अपना पहला डब्ल्यूटीसी खिताब जीतने के लिए 139 रनों का मामूली लक्ष्य दिया.अजिंक्य रहाणे (49) और कप्तान विराट कोहली (44) ऐसे दो बल्लेबाज थे जो पहली पारी में अर्धशतक बनाने के करीब आए लेकिन 50 रन के आंकड़े तक पहुंचने में नाकाम रहे। दूसरी पारी में, पंत ने भारत के लिए 88 गेंदों में 41 रन बनाए, लेकिन अपने अर्धशतक से नौ रन कम हो गए.

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धारदार गेंदबाजी की खली कमी 

पहली पारी में न्यूजीलैंड को 249 रनों पर आउट करने वाले भारतीय गेंदबाज दूसरी इनिंग्स में बेजान दिखे. भारत के किसी तेज गेंदबाज को दूसरी पारी में विकेट नहीं मिला. पहली इनिंग्स में 4 विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी दूसरी पारी कोई करिश्मा नहीं कर पाए. दूसरी पारी में भारत की ओर से केवल आर अश्विन ने दो विकेट चटकाये. जबकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और बुमराह विकेट के लिए तरसते रह गये. जडेजा को भी दूसरी पारी में एक भी सफलता हाथ नहीं लगी.

टॉस और मौसम भी बना विलेन 

आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारतीय टीम ने टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी की. इस खिताबी मुकाबले में टॉस का भी अहम रोल था और पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को ज्यादा फायदा मिलने वाला था. वहीं इस खिताबी मुकाबले में भारत के लिए मौसम ने खलनायक की भूमिका निभाई. टीम इंडिया सपाट और सूखी पिचों पर खेलने की आदी रही है. फाइनल मुकाबले के रिजर्व डे को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब खराब मौसम और बारिश न हुई हो. मौसम, पिच सब तेज गेंदबाजी के अनुकूल थी. ईशांत शर्मा को छोड़कर किसी भी खिलाड़ी की गेंद स्विंग होते नजर नहीं आई.

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