इस खिलाड़ी का करियर खत्म! BCCI ने रख दी ऐसी शर्त, पास हुए तभी मिलेगा मौका

Mohammed Shami career at risk : मोहम्मद शमी जून 2023 के बाद से टेस्ट क्रिकेट से बाहर हैं। चोट और फिटनेस समस्याओं के कारण वह कई सीरीज मिस कर चुके हैं. टी20-वनडे में लौटे, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीते, लेकिन टेस्ट टीम में जगह नहीं बना पाए. फिलहाल उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, लेकिन शर्त जरूर रख दी गई है.

By Anant Narayan Shukla | August 12, 2025 11:16 AM

Mohammed Shami career at risk : मोहम्मद शमी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के दरवाजे कुछ ज्यादा ही कठोर हो गए हैं. मोहम्मद शमी ने टीम इंडिया के लिए आखिरी टेस्ट मैच जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इसके बाद शमी को वेस्ट इंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में आराम दिया गया और फिर चोट के कारण उन्होंने अगली पांच सीरीज़ मिस कर दीं. फिटनेस हासिल करने के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में तीनों प्रारूपों में वापसी की और अच्छा प्रदर्शन भी किया. इसके बाद उन्हें पहले टी20 और फिर वनडे टीम में मौका मिला. वह चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे, लेकिन टेस्ट टीम में उनकी एंट्री अब तक नहीं हो सकी है. उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन फिटनेस समस्याओं के चलते उन्हें नहीं चुना गया.

अब इंग्लैंज सीरीज खत्म होने के एक हफ्ते बाद, बीसीसीआई के एक सूत्र ने खुलासा किया कि 34 वर्षीय तेज गेंदबाज को फॉर्म के कारण नहीं बल्कि फिटनेस की वजह से बाहर किया गया था. सूत्र के मुताबिक, टीम चयन से पहले बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने शमी से बातचीत की थी, लेकिन खुद गेंदबाज अपनी फिटनेस को लेकर आश्वस्त नहीं थे. सूत्र ने द टेलीग्राफ से कहा, “सबसे पहले, उन्हें फॉर्म की वजह से नहीं हटाया गया. फिटनेस ही एकमात्र कारण है जिसकी वजह से वे इंग्लैंड नहीं जा सके. पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे को मिस करने के बाद, इंग्लैंड सीरीज के लिए उनकी मौजूदगी बेहद जरूरी थी. चयनकर्ताओं ने टीम फाइनल करने से पहले उनसे बात भी की थी, लेकिन वह आत्मविश्वास नहीं झलक रहा था. उनकी तरफ से वह जरूरी भरोसा हमें नहीं मिला.”

सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई ने शमी को स्पष्ट रूप से संदेश दे दिया है कि उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं. लेकिन टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें अपनी फिटनेस के साथ-साथ मैच फिट फॉर्म भी साबित करनी होगी. यह संकेत भी दिया गया है कि अब सिर्फ फिट होना काफी नहीं है, बल्कि प्रदर्शन से भी चयनकर्ताओं को प्रभावित करना होगा. इसी महीने से शुरू होने वाली दलीप ट्रॉफी शमी के लिए अहम साबित हो सकती है. अगर वह इस टूर्नामेंट में लय और फिटनेस दोनों दिखाने में सफल होते हैं, तो उनकी टेस्ट टीम में वापसी की राह खुल सकती है.

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दलीप ट्रॉफी में परफॉर्म करने पर ही बनेगी बात

सूत्र के अनुसार, शमी का टेस्ट करियर खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह इस साल 28 अगस्त से शुरू होने वाले दलीप ट्रॉफी में उनके प्रदर्शन और फिटनेस पर निर्भर करेगा. सूत्र ने कहा, “ये भी जानना जरूरी है कि क्या शमी खुद सबसे लंबे फॉर्मेट में वापसी करने के इच्छुक हैं. हमें यह देखना होगा कि अगर ईस्ट ज़ोन क्वार्टर फाइनल पार कर जाता है और आगे बढ़ता है, तो क्या वह खेलते रहेंगे? क्या उनका शरीर इसकी अनुमति देगा, क्योंकि उनके घुटने और हैमस्ट्रिंग की स्थिति पहले से ही ठीक नहीं है. रणजी मैचों में वह 3-4 ओवर का एक स्पेल फेंककर मैदान से बाहर चले जाते थे. तो बहु-दिवसीय मैच के दबाव को उनका शरीर झेल पाएगा या नहीं, यह सवाल हमेशा बना रहेगा.”

अगर शमी, ईशान किशन की कप्तानी वाली टीम के लिए दलीप ट्रॉफी 2025 में प्रभावित करने वाला प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें वेस्ट इंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान पर होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारत की टेस्ट टीम में शामिल किया जा सकता है. शमी के नाम पर 64 मैचों में 229 विकेट हैं. भारतीय टीम के सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं और उनकी वापसी को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि, यह भी तय है कि चयनकर्ता उनके हर मैच में गेंदबाजी के भार को बारीकी से परखेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह बहु-दिवसीय क्रिकेट के दबाव को झेलने में सक्षम हैं.

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