कुछ इस तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्टार बने धौनी, पढ़ें उनका क्रिकेट करियर

कैप्टन कूल यानि महेंद्र सिंह धौनी जिनके मैदान में खड़े रहने भर से प्रशंसक कूल रहते थे. उन्हें जीत का भरोसा होता था. महेंद्र सिंह धौनी ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. धौनी के करियर में कई ऐसे मैच खेले हैं, जो ऐतिहासिक हैं. छक्का लगाकर जीत दिलाने वाले धौनी के करियर में भी उतार चढ़ाव आये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2020 9:28 PM

नयी दिल्ली : कैप्टन कूल यानि महेंद्र सिंह धौनी जिनके मैदान में खड़े रहने भर से प्रशंसक कूल रहते थे. उन्हें जीत का भरोसा होता था. महेंद्र सिंह धौनी ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. धौनी ने करियर में कई ऐसे मैच खेले हैं, जो ऐतिहासिक हैं. छक्का लगाकर जीत दिलाने वाले धौनी के करियर में भी उतार चढ़ाव आये.

महेंद्र सिंह धौनी के क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 2003- 04 में हुई. इसी साल इंडिया A के लिए धौनी टूर पर गये थे. यह टूर उनके लिए शानदार रहा. उसी दौरे में भारत A और पाकिस्तान A के बीच खेले गये रोचक मुकाबले में धौनी ने अच्छे रन बनाये थे. त्रिकोणीय सीरीज में भारत के अलावा केन्या और पाकिस्तान की टीम थी. धौनी ने उसी मैच में अपना लोहा मनवाया था और साथ ही उसी दिन क्रिकेट को एक चमचमाता सितारा भी मिल गया था. उस सीरीज में धौनी ने 6 पारियों में 2 शतक के साथ कुल 362 रन बनाये थे. उसी सीरीज के बाद उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका मिला.

जब शून्य पर आउट हुए थे धौनी

महेंद्र सिंह धौनी ने जब पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला, तो वह शून्य पर आउट हो गये थे. धौनी 7 वें नंबर पर खेलने के लिए उतरे थे और रन आउट हो गये. महेंद्र सिंह धौनी पर बनी फिल्म में भी इस दृश्य को शामिल किया गया है.

साल 2004- 05 में महेंद्र सिंह धौनी ने अपनी क्षमता दिखायी. पाकिस्तान के खिलाफ धौनी ने 148 रन बनाये थे. धौनी अपने करियर का पांचवा वनडे विशाखापत्तनम में खेला. धौनी नंबर तीन पर बैटिंग करने उतरे. इस मैच में उन्होंने 15 चौके और 4 छक्के लगाये.

एक साल तक शानदार वनडे खेलने के बाद धौनी को 2005 में टेस्ट टीम में भी खेलने का मौका मिला. इसके बाद क्रिकेट का एक अलग प्रारूप शुरू हुआ टी 20. इसके भी कप्तान महेंद्र सिंह धौनी चुने गये. अपनी शानदार कप्तानी के दम पर महेंद्र सिंह धौनी ने पहला आईसीसी टी 20 विश्वकप जीता. धौनी का प्रदर्शन इतना शानदार था कि उन्हें वनडे और टेस्ट दोनों की कप्तानी मिल गयी थी.

धौनी का वो मैच जो हमेशा याद रखेंगे प्रशंसक 

धौनी के कई ऐसे मैच हैं जो दर्शकों को याद रहेंगे. खासकर उनके प्रशंसकों को साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ जयपुर में खेले गये मुकाबले जरूर याद होंगे, जब भारतीय टीम 299 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी, धौनी को नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. धौनी ने 145 गेंदों में नाबाद 183 रन की पारी खेली थी और मैच भारत की झोली में डाल दिया.

साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास 

धौनी ने साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया. 9 साल के टेस्ट करियर में धौनी ने 90 टेस्ट मैच खेले और 38 की औसत से रन बनाये. टेस्ट क्रिकेट में धौनी का सर्वोच्च स्कोर 224 रन है. यह स्कोर उन्होंने साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था.

जब धोनी पर उठने लगी उंगलियां

धौनी ने कई ऐसे अंसभव मैच भारत के नाम किये, जिसे जीत पाना लगभग नामुमकिन लगता था. कई ऐसे मैच हैं जो भारत की झोली में आते – आते रह गये, 2019 के विश्वकप के सेमीफाइनल मैच को कभी नहीं भूला जा सकता.

धौनी ने भारत को जीत दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन उस मैच में हार मिली, जिसके बाद से धौनी के संन्यास की चर्चा शुरू हो गयी. उस मैच में भारत की ओर से जडेजा और धौनी ने मिलकर 100 से अधिक रन की साझेदारी की थी, लेकिन जडेजा का विकेट गिरने के साथ ही भारत के हाथ से मैच निकल गया.

साल 2007 के विश्वकप में भारत के ग्रुप स्टेज में ही हारकर बाहर होने से प्रशंसक काफी नाराज हुए थे. इसी साल धौनी के घर के बाहर तोड़फोड़ भी की गयी थी. धौनी के क्रिकेट करियर में उस दिन को काला दिन माना जाता है. साल 2012 में टीम में मतभेद की भी खूब चर्चा रही. धौनी ने ऐतराज जताया था कि सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर, सभी की उम्र लगभग 33 से 39 के बीच थी.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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