‘फाइन से कुछ नहीं होगा, वे बहुत अमीर हैं’, गिल और स्टोक्स पर क्यों भड़क गए वॉन
IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मुकाबला लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जा रहा है. दो दिन के खेल में एक भी दिन पूरे 90 ओवर गेंदबाजी नहीं की जा सकी है. इस बात से इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन नाराज है. उन्होंने आईसीसी से इस मामले में ठोस कदम उठाने का मांग की है. दो दिन के खेल में कुल 22 ओवर कम फेंके गए हैं. वॉन ने कहा कि केवल फाइन लगाने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि क्रिकेटर काफी अमीर हैं.
IND vs ENG: लॉर्ड्स में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट में दो दिनों तक चले रोमांचक क्रिकेट के बाद, भारत इंग्लैंड से 242 रन पीछे है और उसके सात विकेट बाकी हैं. हालांकि यह मुकाबला गुणवत्ता और तीव्रता के मामले में अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा, लेकिन इसने आधुनिक टेस्ट क्रिकेट की एक पुरानी खामी को भी उजागर कर दिया. वह खामी है खराब ओवर गति. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने दोनों टीमों की आलोचना करते हुए तत्परता की कमी की चिंताजनक आलोचना की. पहले दो दिनों में, मैच में कुल मिलाकर 22 ओवरों का नुकसान हुआ है, जिसमें भारत ने पहले दिन 83 ओवर फेंके और दूसरे दिन दोनों टीमों ने सिर्फ 75 ओवर फेंके, जो 90 ओवरों के मानक से काफी कम है. Nothing happen with fines they are very rich why did Vaughan get angry at Gill and Stokes
पहले दिन से ही कड़ाई करे आईसीसी
बीबीसी स्पोर्ट्स से बात करते हुए, ‘वॉन ने सवाल उठाया कि लाल गेंद वाले क्रिकेट में इस बार-बार होने वाली समस्या को क्यों बर्दाश्त किया जा रहा है. मुझे नहीं लगता कि जुर्माना काम करेगा. मुझे लगता है कि ये लड़के काफी अमीर हैं.’ वॉन ने हँसते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पैसे का उन पर कोई असर होगा. टेस्ट क्रिकेट के लिए यह पिछले कुछ समय से एक समस्या रही है. मुझे पता है कि यह गर्म दिन है. मुझे पता है कि हमें कुछ चोटें लगी हैं, लेकिन जब हम पांचवें दिन पहुंचते हैं, तो हमें 90 ओवर फेंकने होते हैं.’ उन्होंने तर्क दिया कि मैच की शुरुआत से ही एक ही मानक लागू करने से पहले के दिनों में देखी गई सुस्ती दूर हो सकती है.
4 दिनों तक कछुए की गति से हो रही गेंदबाजी
वॉन के अनुसार, कोटा का पालन करने के लिए आखिरी दिन तक इंतजार करने से गलत संदेश जाता है और पूरे टेस्ट में रोकी जा सकने वाली देरी होती है. उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता कि पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे दिन हम खेल को कछुए की गति से खेलते हुए क्यों देख सकते हैं. निश्चित रूप से खेल पहले दिन 90 ओवर का खेल बताकर आगे बढ़ता है. सोचिए हम क्या करने वाले हैं? हम दूसरे दिन भी ठीक वैसे ही 90 ओवर गेंदबाजी करेंगे.’
वॉन ने बताया क्या है ठोस उपाय
वॉन का मानना है कि इसका समाधान आर्थिक दंड में नहीं, बल्कि नियमों के अनिवार्य पालन में है. उन्होंने कहा, ‘पांचवें दिन देखिए, जब खिलाड़ियों और अंपायरों को पता होगा कि 90 ओवर फेंकने हैं. वे इधर-उधर भागेंगे. ज्यादा ड्रिंक्स ब्रेक नहीं होंगे, ज्यादा देरी नहीं होगी… मैं इसे बहुत ही आसान बना दूंगा. आपको 90 ओवर फेंकने ही होंगे. मैं गारंटी देता हूं कि इससे गति में सुधार होगा.’ टेस्ट मैच के हर दिन 90 ओवर गेंदबाजी अनिवार्य है, ऐसा नहीं करने पर फील्डिंग करने वाली टीम पर जुर्माना लगाया जाता है, फिर भी कई बार देखने को मिला है कि दिन में पूरे 90 ओवर गेंदबाजी नहीं हो पा रही है.
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