ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी डीन जोन्स ने बताया कि क्यों ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स नहीं करते कोहली और धौनी को स्लेज

डी जोन्स ने एम एस धौनी और विराट कोहली के बारे में एक खुलासा किया जिसमें उन्होंने कहा है कि क्यों ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी विराट और धौनी को स्लेज नहीं करते हैं.

By Sameer Oraon | June 4, 2020 8:07 PM

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी डीन जोन्स ने एम एस धौनी और विराट कोहली के बारे में एक खुलासा किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि क्यों ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी विराट और धौनी को स्लेज नहीं करते हैं. उन्होंने कहा है कि धौनी और कोहली को ऑस्ट्रेलिया का कोई भी खिलाड़ी इसलिए स्लेज नहीं करता है क्योंकि वो जानते हैं कि उन्हें स्लेज करना भारी पड़ सकता है दोनों ऐसे बल्लेबाज हैं जो चुनौतियों का सामना करना जानते हैं और उनके अनुरूप वो जवाब भी देना जानते हैं.

दोनों खिलाड़ियों को चुनौतियों पर खरा उतरना पसंद है. कोई भी टीम के खिलाड़ी ये अच्छे से जानता है कि इन्हें छेड़ना मूर्खता पूर्ण को होगा, इसलिए कोई खिलाड़ी क्यों बिना मतलब आफत मोल लेगा. अगर उन्होंने ऐसा किया तो ये इन खिलाड़ियों में इतनी ताकत है कि वो अपने बलबूते मैच का रुख मोड़ सकते हैं. और ऐसा करने में दोनों खिलाड़ी माहिर हैं, दोनों बेहद आक्रामक खिलाड़ी हैं और किसी भी टीम को इन दोनों बल्लेबाजों को छेड़ना भारी पड़ सकता है. क्योंकि स्लेज उनके लिए ऑक्सीजन की तरह है.’

डीन जोन्स ने ये बातें एक यू ट्यूब चैनल से कही, दरअसल कुछ दिनों पहले क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों पर ये गंभीर आरोप लगाया था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी जान बुझ के कोहली को नहीं छेड़ते हैं क्योंकि वो अपना आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट बचाना चाहते हैं. दरअसल जोन्स ने इन्ही बातों का जवाब दिया है.

ऑस्ट्रेलिया के विकेट कीपर बल्लेबाज टीम पेन ने भी क्लार्क के इन बातों का खंडन किया था उन्होंने कहा था कि जब वो भारत के खिलाफ खेलते हैं तो उनके खिलाड़ी जी जान से अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करते हैं. उन्हें नहीं पता कि कौन कोहली के साथ अच्छा व्यवहार कर रहा था और कौन नहीं कर रह था, लेकिन हम ये जरूर चाहते थे कि कोहली को न उकसाया जाए. क्योंकि वो ऐसे में और बढ़िया खेलने लगते हैं.

आपको बता दें कि डीन जोन्स ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी रह चुके हैं जो कमेंटेटर भी हैं. वो खास तौर से अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग के लिए जाने जाते थे, 1980 से 1990 के दशक में वो बेस्ट बल्लेबाजों में से में एक थे. उन्होंने 52 टेस्ट मैचों में 46 की औसत से 3631 रन बनाए हैं.

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