खेल नहीं हो पाना निराशाजनक : कोहली

बेंगलुरु : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में पहले दिन दक्षिण अफ्रीका को 214 रन पर आउट करने के बाद अगले चार दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो पाने पर निराशा जतायी. कोहली के चेहरे पर निराशा साफ नजर आ रही थी. उन्होंने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2015 3:24 PM

बेंगलुरु : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में पहले दिन दक्षिण अफ्रीका को 214 रन पर आउट करने के बाद अगले चार दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो पाने पर निराशा जतायी. कोहली के चेहरे पर निराशा साफ नजर आ रही थी. उन्होंने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह बेहद निराशाजनक है.

दूसरे और तीसरे दिन का खेल रद्द होना काफी निराशाजनक रहा क्योंकि पहले दिन हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा था. किसी भी टेस्ट मैच में सबसे मुश्किल काम अपना पलडा भारी करना और वहां से और बेहतर स्थिति में पहुंचना होता है. हम ऐसा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे. लेकिन मौसम खराब हो गया. ‘
उन्होंने कहा, ‘‘आप अच्छी स्थिति में हो या नहीं, यह किसी भी टीम के लिये कष्टप्रद होता है कि वह मैदान पर आये और खेल नहीं हो सके. खेल का उद्देश्य सकारात्मक क्रिकेट खेलना है. डेढ़ दिन में परिणाम हासिल करना असंभव लगता है लेकिन हमारा मानना था कि यदि चौथे या पांचवें दिन खेल होता है तो हम चौथे दिन बल्लेबाजी करके पांचवें दिन उन पर दबाव बना सकते हैं. ‘
कोहली ने कहा, ‘‘हमने बल्लेबाजी के लिये अनुकूल पिच पर दुनिया की नंबर एक टीम को तीन सत्र के अंदर आउट किया. हमारे खिलाड़ी पूरी लय में थे. ‘ उन्होंने कहा कि मौसम की मार झेलने वाले मैचों में कुछ खास नहीं किया जा सकता है. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यदि टेस्ट मैच में आप चार दिन गंवा देते हो तो फिर एक रिजर्व दिन होने का कोई मतलब नहीं बनता है.
यदि एक या दो दिन खेल नहीं हो पाता और तब आप बदलाव करते तो उसका कुछ मतलब बनता है लेकिन यदि आप चार दिन गंवा देते हो तो फिर रिजर्व दिन तर्कसंगत नहीं होता. मैं नहीं जानता कि इसका क्या समाधान हो सकता है. ‘
कोहली ने कहा, ‘‘यदि नियम होते तो इस तरह से होने चाहिए कि जितने दिन आपने गंवाये उतने दिन आगे मैच खेला जाए लेकिन ऐसी स्थिति में जबकि हमने चार दिन गंवाये तब यह नौ दिन का टेस्ट मैच हो जाता जो कि सही नहीं है. मुझे नहीं लगता कि कोई बदलाव होना चाहिए क्योंकि वर्षों से ऐसा चला आ रहा है. ‘
कोहली ने शिखर धवन का पूरा पक्ष लिया जो मोहाली में पहले मैच की दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाये थे लेकिन यहां वह 45 रन बनाकर नाबाद रहे. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप पिछले तीन टेस्ट मैचों में दो शतक को संघर्ष कहते हो तो फिर मैं नहीं जानता कि आप फार्म किसे कहते हो.
पिछले तीन टेस्ट मैचों में उसने बांग्लादेश और फिर श्रीलंका के खिलाफ गाले में शतक बनाया. दुर्भाग्य से वह चोटिल हो गया और इसके बाद उसने मोहाली में अपना पहला मैच खेला. इसलिए केवल दो या तीन पारियों से इतना कडा रवैया अपनाना सही नहीं है. ‘ कोहली ने कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट है और शिखर ने कई पारियां खेली है. हमें धैर्य रखना होगा. वह प्रभाव छोड़ने वाला खिलाड़ी है और हम उसे जितना आत्मविश्वास दे सकते हैं वह देना चाहिए. जब उसका बल्ला चलता है तो वह हमारे लिये मैच जीतता है.
वह फार्म से बाहर नहीं है. वह बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है और गेंद को अच्छी तरह से हिट कर रहा है. हमें उस पर दबाव नहीं बनाना चाहिए. ‘ कोहली ने इसके साथ ही कहा कि इस टीम में कोई भी व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिये नहीं खेलता है तथा टीम के काम आने वाले 25 या 30 रन बनाने वाले बल्लेबाज को भी शतक बनाने वाले के बराबर प्रशंसा मिलती है. उन्होंने कहा, ‘‘मोहाली के जडेजा के 38 रन भी पुजारा के बडे स्कोर जैसे ही महत्वपूर्ण थे. रिद्विमान साहा के 25 के करीब रन भी विजय और पुजारा की पारियों जैसे ही थे क्योंकि इससे हम प्रतिस्पर्धी लक्ष्य रखने में सफल रहे.’