स्टेन को खेलना चुनौतीपूर्ण : लोकेश राहुल
नयी दक्षिण अफ्रीका : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार मैचों की आगामी टेस्ट श्रृंखला में डेल स्टेन का सामना करने की चुनौती का इंतजार कर रहे भारत के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में स्टेन को खेलना अलग ही तरह की चुनौती है. युवा राहुल आईपीएल में स्टेन के साथ सनराइजर्स […]
नयी दक्षिण अफ्रीका : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार मैचों की आगामी टेस्ट श्रृंखला में डेल स्टेन का सामना करने की चुनौती का इंतजार कर रहे भारत के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में स्टेन को खेलना अलग ही तरह की चुनौती है. युवा राहुल आईपीएल में स्टेन के साथ सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल चुके हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि बोर्ड अध्यक्ष एकादश के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 72 रन की पारी अलग अनुभव था.
उन्होंने बीसीसीआई टीवी से कहा ,‘‘ मुझे लगा कि उसका सामना करना आसान होगा लेकिन मैंने आज उसे खेला और यह अलग ही तरह का अनुभव था.’ उन्होंने कहा ,‘‘ उसकी गेंदबाजी पर फील्डिंग या विकेटकीपिंग करना अलग बात है लेकिन उसके सामने बल्लेबाजी करना अलग ही चुनौती है. वह गेंद को देर से मूव कराता है और उसे खेलना काफी कठिन होता है. मुझे उसके साथ खेलना पसंद है लेकिन उसके खिलाफ खेलना अलग चुनौती होगी और मुझे उसका इंतजार है.’
पांच टेस्ट मैचों में भारत के लिए खेल चुके 23 बरस के राहुल ने स्वीकार किया कि इस तेज गेंदबाज के दिमाग को पढना कठिन है. उन्होंने कहा ,‘‘ हम कोशिश करेंगे लेकिन आपको पता है कि तेज गेंदबाजों का दिमाग कैसे काम करता है. वे हर मैच में अलग तरह से सोचते हैं. आप समझ नहीं सकते कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है. बस गेंद का इंतजार करके उसके अनुरुप खेलना होता है.’
कर्नाटक के इस सलामी बल्लेबाज ने टेस्ट की तैयारी का श्रेय अपने राज्य के कोच अरुण कुमार को भी दिया. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला को ध्यान में रखकर टर्निंग गेंदों को खेलने का अभ्यास कर रहा था. मैने कर्नाटक के कोच जे अरुण कुमार के साथ काम कर रहा हूं. वह अपने दिनों में तेज गेंदबाजों को बखूबी खेलता हूं. मैने उनके साथ शार्ट गेंदों और तेज गेंदबाजों को खेलने का अभ्यास किया. अभी तक प्रदर्शन ठीक रहा है.’ सलामी बल्लेबाज के लिए राहुल का मुकाबला शिखर धवन और मुरली विजय से है लेकिन राहुल का कहना है कि भारतीय ड्रेसिंग रुम में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है.
उन्होंने कहा ,‘‘ जिस दिन से मैंने ड्रेसिंग रुम में प्रवेश किया, मुझे कोई प्रतिस्पर्धा महसूस नहीं हुई. शिखर और विजय दोनों अलग अलग मेरे पास आये और कहा कि यह रणजी ट्राफी से कैसे अलग है. वे मुझे तैयार करने की कोशिश कर रहे थे जिससे मेरे लिए बहुत आसान हो गया.’ उन्होंने कहा ,‘‘ हम सभी युवा है और माहौल काफी दोस्ताना है. हम सभी एक दूसरे को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करते हैं और एक दूसरे की कामयाबी का मजा लेते हैं. इसका असर टीम के प्रदर्शन पर भी दिखता है.’
