क्या युवराज सिंह को टीम इंडिया से बाहर करने के लिए धौनी हैं जिम्मेदार ?

बायें हाथ के खब्‍बू बल्‍लेबाज युवराज सिंह आज टीम से लगातार बाहर चल रहे हैं. इनके टीम से बाहर होने के पीछे कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी को जिम्‍मवार माना जाता है. लेकिन यह बात कहां तक जायज है. क्‍या वाकई में धौनी ने ही युवराज को टीम से बाहर का रास्‍ता दिखाया या फिर युवराज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2015 4:22 PM

बायें हाथ के खब्‍बू बल्‍लेबाज युवराज सिंह आज टीम से लगातार बाहर चल रहे हैं. इनके टीम से बाहर होने के पीछे कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी को जिम्‍मवार माना जाता है. लेकिन यह बात कहां तक जायज है. क्‍या वाकई में धौनी ने ही युवराज को टीम से बाहर का रास्‍ता दिखाया या फिर युवराज खुद इसके लिए जिम्‍मेवार हैं. युवराज सिंह के पिता का बयान जिस तरह से मीडिया में आ रहा है अब यह सवाल उठना लाजमी है.

क्‍या कप्‍तान होने के कारण धौनी को ही हर तरह से गलत ठहराया जाना उचित होगा. क्‍या टीम चयन में केवल कप्‍तान की ही सुनी जाती है, अगर ऐसा है तो फिर चयन समिति का क्‍या है रोल. क्‍या युवराज को केवल इस लिहाज से टीम में रखा जा सकता है कि उन्‍होंने 2011 विश्व कप में अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को कप दिलाने में महती भूमिका अदा की है.

* 2011 के बाद युवराज का वनडे में प्रदर्शन

युवराज सिंह ने विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया. युवी ने 9 मैचों में 362 रन और 15 विकेट लिये. इस शानदार ऑलराउंडर प्रदर्शन के लिए उन्‍हें प्‍लेयर ऑफ दी टूर्नामेंट चुना गया. लेकिन विश्व कप के बाद युवराज सिंह का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. विश्व कप के बाद 2012 में युवराज सिंह ने मात्र एक मैच पाकिस्‍तान के खिलाफ खेला जिसमें उन्‍होंने केवल दो रन बनाये. 2013 में युवराज सिंह ने 18 मैच खेले, जिसमें उन्‍होंने मात्र 276 रन बनाये और केवल दो विकेट लिये. 2013 में युवराज सिंह ने केवल दो अर्धशतक जमाये. विश्व कप 2011 के बाद युवराज सिंह ने 2012 में केवल तीन टेस्‍ट मैच खेले, जिसमें उन्‍होंने केवल एक अर्धशतक के दम पर 123 रन बनाये और कोई भी विकेट नहीं लिये.

* नये वनडे फिल्‍डिंग रुल में फिट नहीं हैं युवराज

वनडे में नया फिल्डिंग रुल बनाया गया है जिसमें युवराज सिंह फिट नहीं बैठते हैं. यह बात कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी भी बोल चुके हैं, लेकिन इसके पीछे का तर्क है कि युवराज चुकीं टीम में एक ऑलराउंडर के हैसियत से खेलते हैं, लेकिन नये नियम के अनुसार पावर प्‍ले के दौरान 30 गज से बाहर केवल तीन खिलाड़ी को रहना है. वैसे में युवराज सिंह जो बायें हाथ के धीमी गति के ऑर्थोडॉक्‍स गेंदबाज हैं को काफी मार पड़ती है. ऐसे में युवराज सिंह की उपयोगिता काफी सीमित हो जाती है. युवराज सिंह के स्‍थान पर खेल रहे रवींद्र जड़ेजा जो इस नये नियम में फिट बैठते हैं टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे.

* नये फिल्डिंग नियम के विरोधी रहे हैं धौनी

जिस नये वनडे रुल के चलते युवराज सिंह को टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा है उस नये नियम का कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी ने जोरदार विरोध किया है और आज भी वह इसके विरोधी हैं. धौनी के अनुसार कम से कम चार फिल्डरों को 30 गज के बाहर रखा जाना चाहिए.

* टीम चयन में कप्‍तान की भूमिका होती है स‍ीमित

विश्व कप में युवराज सिंह को नहीं चुने जाने के बाद से धौनी लगातार निशाना बनाये जा रहे हैं. लेकिन क्‍या टीम चयन में केवल कप्‍तान की ही चलती है. केवल कप्‍तान के पसंद पर ही टीम का चयन किया जाता है. यह बात किसी भी तरह से उचित नहीं लगता है. जहां तक टीम चयन की बात है तो यह सही है कि कप्‍तान की राय ली जाती है, लेकिन टीम चयन में अंतिम फैसला चयन समिति को ही लेना होता है.

* योगराज सिंह ने कई बार दिया धौनी पर विवादित बयान

युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह धौनी के खिलाफ कई बार आपत्तिजनक बयान दिया है. योगराज को लगता है कि युपराज सिंह अगर आज टीम में नहीं है तो इसके लिए केवल धौनी ही जिम्‍मेवार हैं. इस बात को लेकर नाराज योगराज सिंह ने धौनी को काफी भला-बूरा भी कहा. योगराज ने धौनी को घमंडी कहा, उन्‍हें गाली दी, उन्‍हें श्राप दिया. योगराज सिंह ने तो यहां तक कह दिया की धौनी एक दिन भीख मांगेंगे. हालांकि पिता के बयान से युवराज सिंह ने अपने को किनारा किया है. लेकिन क्‍या युवराज के पिता को धौनी के खिलाफ इस तरह का बयान देना चाहिए, जब युवराज अपने प्रदर्शन के चलते ही आज टीम से बाहर चल रहे हैं.