आईसीसी ने भी माना, सीमा पर तनाव के बीच नहीं हो सकता भारत और पाकिस्‍तान के बीच क्रिकेट

नयी दिल्ली : बीसीसीआई के खिलाफ पीसीबी के मुआवजे के दावे को खारिज करने वाली आईसीसी की विवाद निवारण समिति ने कहा है कि वह पाकिस्तान है जिसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट की जरूरत है जबकि भारत की शायद खेलने की इच्छा है. आईसीसी की समिति ने अपने 26 पन्ने के फैसले में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2018 10:31 PM

नयी दिल्ली : बीसीसीआई के खिलाफ पीसीबी के मुआवजे के दावे को खारिज करने वाली आईसीसी की विवाद निवारण समिति ने कहा है कि वह पाकिस्तान है जिसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट की जरूरत है जबकि भारत की शायद खेलने की इच्छा है.

आईसीसी की समिति ने अपने 26 पन्ने के फैसले में विस्तार से बताया है कि आखिर क्यों उसने 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय शृंखला नहीं खेलने के लिए पीसीबी के बीसीसीआई के खिलाफ 447 करोड़ रुपये के मुआवजे के दावे को खारिज किया.

समिति ने कहा, भारत के किसी भी पाकिस्तान दौरे की स्थिति में पीसीबी आपूर्तिकर्ता था. ऐसे दौरे की स्थिति में राजस्व से मेजबान देश को फायदा होता है. दिवालिया चुनने की स्थिति में नहीं होता और निश्चित तौर पर पीसीबी दिवालिया नहीं है लेकिन जैसा कि (सुभान) अहमद (पीसीबी सीओओ) ने कहा कि इस दौरे को छोड़ने से निश्चित तौर पर हमारी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा.

समिति ने कहा, पीसीबी के अपने शब्दों में भारत के मेहमान के रूप में द्विपक्षीय दौरे विश्व क्रिकेट की सबसे अधिक इनामी राशि है. उन्होंने कहा, इसके विपरीत आधुनिक युग में विश्व क्रिकेट में दबदबे वाली ताकत बीसीसीआई के लिए पाकिस्तान के खिलाफ खेलना जरूरी नहीं है.

बीसीसीआई की संभवत: इच्छा हो सकती है लेकिन वह पीसीबी है जिसे इसकी जरूरत है. पैनल ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों पर भी गौर किया. समिति ने कहा, मार्च 2015 में जम्मू-कश्मीर के पुलिस थाने पर बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें कई सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई. जुलाई 2015 में पंजाब के गुरदासपुर में एक अन्य हमला हुआ जिसमें कई सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों ने अपनी जान गंवाई.

उन्होंने कहा, अगस्त 2015 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक और घटना हुई. माना जाता है कि ये हमले पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों ने किये. पीसीबी को इन हालात की संभावित दौरे पर पड़ने वाले असर की जानकारी थी. समिति ने यहां तक कि तत्कालीन पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान के 2015 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का भी हवाला दिया.

समिति ने कहा, पीसीबी अध्यक्ष के 20 अगस्त 2015 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के अनुसार ऐसा लगता है कि भारत सरकार सीमा पर तनावपूर्ण माहौल, लखवी को रिहा किये जाने, गुरदासपुर की घटना के बाद यह कहते हुए भारत को पाकिस्तान के साथ खेलने की स्वीकृति नहीं देगी कि मौजूदा हालात में क्रिकेट शृंखला अनुचित होगी.

ऐसे में संभावना है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ शृंखला खेलने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने पर सहमत नहीं हो. उन्होंने कहा, उनकी (पीसीबी प्रमुख) निराशा उचित थी.

Next Article

Exit mobile version