…तो इसलिए टीम इंडिया से बाहर हुए युवराज सिंह

नयी दिल्ली : युवराज सिंह और सुरेश रैना का श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला में नहीं चुने जाने का मुख्य कारण इन दोनों का राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में ‘यो-यो ‘ दमखम परीक्षण में नाकाम रहना रहा. भारतीय टीम नियमित तौर पर कई तरह के फिटनेस परीक्षण से गुजरती है और इनमें ‘यो-यो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 16, 2017 8:46 PM

नयी दिल्ली : युवराज सिंह और सुरेश रैना का श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला में नहीं चुने जाने का मुख्य कारण इन दोनों का राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में ‘यो-यो ‘ दमखम परीक्षण में नाकाम रहना रहा.

भारतीय टीम नियमित तौर पर कई तरह के फिटनेस परीक्षण से गुजरती है और इनमें ‘यो-यो ‘ दमखम परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण है. पुरानी पीढ़ी जिस तरह के परीक्षण से गुजरती थी यह उसकी तुलना में बेहतर ‘बीप ‘ टेस्ट है. वर्तमान भारतीय टीम को अभी तक की सबसे फिट टीम माना जाता है. यह पता चला है कि वर्तमान टीम के लिये ‘यो-यो ‘ स्कोर 19.5 या उससे अधिक स्वीकार्य है.

युवराज के लिये मुश्किल है वापसी करना : सबा करीम

भारत के सबसे फिट क्रिकेटर कप्तान विराट कोहली इस परीक्षण में लगभग 21 का स्कोर बना देते हैं. युवराज और रैना ने हालांकि इस परीक्षण में 19.5 से काफी कम स्कोर बनाया. युवराज केवल 16 का स्कोर ही बना पाये जो कि उनके टीम से बाहर होने का मुख्य कारण रहा.

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, वर्तमान थिंक टैंक, कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने साफ किया है कि फिटनेस के स्तर से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

क्या युवराज सिंह को अब ले लेना चाहिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ?

उन्होंने कहा, औसतन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ‘यो-यो ‘ परीक्षण में 21 का स्कोर बनाते हैं. यहां विराट, रविंद्र जडेजा और मनीष पांडे लगातार यह स्कोर बनाते हैं जबकि अन्य 19.5 या इससे अधिक का स्कोर हासिल करते हैं. अधिकारी ने कहा, ‘ ‘इससे पहले जबकि पारपंरिक बीप टेस्ट हुआ करता था तो नब्बे के दशक के भारतीय खिलाडियों में से मोहम्मद अजहरुद्दीन, रोबिन सिंह और अजय जडेजा को छोड़कर अधिकतर 16 से 16.5 का स्कोर बनाते थे। लेकिन अब स्थिति भिन्न है और कप्तान खुद ही मानदंड स्थापित कर रहा है जो कि आस्ट्रेलियाई टीम ने अपने लिये तय किये हैं.

* क्या है ‘यो-यो ‘ परीक्षण

कई ‘कोन ‘ की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनायी जाती हैं. एक खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है तो उसने मुड़ना होता है. प्रत्येक एक मिनट या इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और ‘बीप ‘ के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया साफ्टवेयर पर आधारित है जिसमें परिणाम रिकार्ड किये जाते हैं.

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