रवि शास्‍त्री टीम इंडिया के मनमोहन सिंह ?, क्रिकेट प्रेमियों ने उड़ाया मजाक

नयी दिल्‍ली : भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री एक बार फिर भारतीय टीम के मुख्‍य कोच के लिए आवेदन करने वाले हैं. पिछले साल भी उन्‍होंने कोच पद के लिए आवेदन किया था. शास्‍त्री कप्‍तान विराट कोहली के भी खास रहे हैं. इसलिए उनकी दावेदारी भी काफी बढ़ गयी है. हालांकि पिछली बार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 29, 2017 3:10 PM

नयी दिल्‍ली : भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री एक बार फिर भारतीय टीम के मुख्‍य कोच के लिए आवेदन करने वाले हैं. पिछले साल भी उन्‍होंने कोच पद के लिए आवेदन किया था. शास्‍त्री कप्‍तान विराट कोहली के भी खास रहे हैं. इसलिए उनकी दावेदारी भी काफी बढ़ गयी है. हालांकि पिछली बार कोच पद के लिए उनकी चुनाव नहीं होने पर उन्‍होंने जमकर विरोध दर्ज कराया था. खासकर टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली के खिलाफ.

बहरहाल रवि शास्‍त्री अभी आवेदन किये भी नहीं हैं और सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना होने लगी है. क्रिकेट प्रशंसक उनका जमकर मजाक बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर रवि शास्‍त्री की तुलना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की जा रही है. गौरतलब हो कि डॉ मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के दौरान अपनी चुप्‍पी को लेकर आलोचना के घेरे में रहे हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आलोचक 10 साल के कार्यकाल के दौरान अहम मुद्दों पर चुप्‍पी साधने का आरोप लगाते रहे हैं. मनमोहन सिंह की इस बात के लिए आलोचना की जाती रही है कि उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ की स्थिति पैदा हो गई थी. उसी प्रकार रवि शास्‍त्री का कार्यकाल काफी विवादित रहा था. उनके और पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी के बीच आये दिन विवाद की खबरें मीडिया में रही. टीम में गुटबाजी की भी खबरें आयीं.
हालांकि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2014 में सीमित ओवरों की श्रृंखला जीती, वह विश्व कप और विश्व टी20 क्रमश: 2015 और 2016 के सेमीफाइनल में पहुंचा. उसने श्रीलंका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ स्वदेश में टेस्ट श्रृंखला जीती. उसने ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर टी20 श्रृंखला में हराया.
शास्त्री के हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली के साथ अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं. शास्त्री ने पिछली बार कहा था कि जब उन्होंने स्काइपी के जरिये कोच पद का साक्षात्कार दिया था तो तब गांगुली उपस्थित नहीं थे. इस पर गांगुली ने कहा था कि अगर शास्त्री की पद पाने में इतनी दिलचस्पी थी तो उन्हें साक्षात्कार के लिए खुद उपस्थित होना चाहिए था.

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