Karwa Chauth 2025: करवा चौथ के दिन महिलाएं क्यों करती हैं सोलह श्रृंगार, जानें इसके पीछे का महत्व

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ वाले दिन सोलह श्रृंगार करने की परंपरा है. हर व्रती इस दिन सज-धजकर माता करवा की पूजा-अर्चना करती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है.ऐसे में कई लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर अन्य दिनों की तुलना में इस दिन श्रृंगार को इतना अधिक महत्व क्यों दिया जाता है? क्या यह केवल महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने का साधन है या इसके पीछे कोई विशेष धार्मिक कारण छिपा है? आईए, इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से.

By Neha Kumari | October 5, 2025 4:12 PM

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का पर्व शुरू होने में अब बस कुछ ही दिन रह गए हैं. यह पर्व सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और माता करवा की आराधना करती हैं. करवा चौथ के दिन श्रृंगार करने का विशेष महत्व होता है. आमतौर पर इस दिन हर व्रती सोलह श्रृंगार करती है. ऐसा माना जाता है कि इससे माता करवा प्रसन्न होती हैं और व्रती को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

करवा चौथ पर करें सोलह श्रृंगार

धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ के दिन हर सुहागिन महिला को सोलह श्रृंगार करना चाहिए. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है. पूजा शुरू करने से पहले महिलाओं को सिंदूर, आलता, मेंहदी, कमरबंद, पायल, मांग टीका, मंगलसूत्र, झुमका, बाजूबंद, बिछिया, बिंदी, नथ, अंगूठी, गजरा, काजल और चूड़ियां पहनकर श्रृंगार करना चाहिए. इसके बाद पूजा में बैठना चाहिए.

श्रृंगार का महत्व

मान्यता है कि इस दिन यदि सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, तो उनके पति की आयु लंबी होती है. साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाली और शांति आती है. सोलह श्रृंगार में शामिल प्रत्येक श्रृंगार का अपना अलग महत्व और भाव होता है, जैसे- सुहागिन महिला के हाथों की मेंहदी पति-पत्नी के बीच प्रेम को दर्शाता है. गले का मंगलसूत्र दोनों के रिश्ते की मजबूती दर्शाता है. वहीं सुहागिन महिलाओं के माथे पर सजी बिंदी सौभाग्य और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

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