किस भगवान को चढ़ते हैं कौन से रंग का फूल, जानें कैसे मिलेगा लाभ

हिंदू धर्म में में किसी भी तरह के पूजा-पाठ में देवी देवताओं को फूल-फल चढ़ाना अनिवार्य माना जाता है. इसके पीछे कई मान्यताएं भी है. साथ ही ये भी मान्यता है कि भवगान के मनपसंद रंग के फूल अर्पित करने से बेहद खुश होते हैं और मनचाहा वरदान प्राप्त करने का आर्शीवाद देते हैं.

By Bimla Kumari | December 3, 2022 2:28 PM

हिंदू धर्म में में किसी भी तरह के पूजा-पाठ में देवी देवताओं को फूल-फल चढ़ाना अनिवार्य माना जाता है. इसके पीछे कई मान्यताएं भी है. साथ ही ये भी मान्यता है कि भवगान के मनपसंद रंग के फूल अर्पित करने से सभी वो बेहद खुश होते हैं और मनचाहा वरदान प्राप्त करने का आर्शीवाद देते हैं, आज इस लेख के जरीए जानेंगे कि किस भगवान को कौन से रंग के फूल पसंद है.

गणेश जी की पसंदीदा फूल

सभी देवी देवताओं में से गणेश जी को प्रथम पूज्य और कलयुग के देव माने जाते हैं. इनको लाल रंग का गुडहल का फूल अति प्रिय है, इसके अलावा चमेली या पारिजात के फूल भी गणेश जी को अर्पित कर सकते हैं.

भगवान विष्णु की पसंदीदा फूल

जूही, अशोक, चंपा, केतकी, वैजयंती के फूल से भगवान विष्णु को चढ़ाना चाहिए. माना जाता है इससे भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं और परिणाम स्वरूप जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

Also Read: शनि दोष से मुक्ति के लिए शनिवार की पूजा के बाद जरूर पढ़ें शनि देव की आरती
मां दुर्गा की पसंदीदा फूल

मां दुर्गा को मुख्य रूप से लाल गुलाब और गुडहल का फूल चढ़ाना शुब माना जाता है. इसके अलावा शंखपुष्पी यानि अपराजिता का फूल, चंपा, सफेद कमल और कुंद के फूल, पलाश, तगर, अशेक और मौलसिरी के फूल, लोध, कनेर एवं शीशम के फूल, कनियार, गूमा, दोपहरिया, अगत्स्य, माधवी एवं कश की मंजरिया के फूल भी अर्पित किए जाते हैं.

शिव शंकर की पसंदीदा फूल

देवों के देव महादेव को धतूरे, नागकेसर, हरसिंगार और सफेद रंग के फूल पसंद हैं. शंकर जी को उनके पसंदीदा फूल चढ़ाने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली का वरदान प्राप्त होता है.

श्री कृष्ण की पसंदीदा फूल

अपने प्रिय पुष्पों का उल्लेख महाभारत में युधिष्ठिर से करते हुए श्री कृष्ण जी ने कहा था कि- मुझे कुमुद, करवरी, चणक, मालती, पलाश व वनमाला के फूल अतिप्रिय हैं.

हनुमानजी (कलयुग के देवता) की पसंदीदा फूल

हनुमान जी को लाल रंग के फूल पसंद है, संकटमोटन की पूजा में लाल गुलाब, गुड़हल चढ़ानें से सभी तरह के संकटों का नाश होता है.

शनिदेव की पसंदीदा फूल

शनि देव का प्रिय रंग है काला और नीला माना जाता है. वहीं, लाजवंती के फूल से शनि की पूजा करने पर वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं और साधक को आर्थिक, मानसिक, शारीरिक परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं.

कैसे फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए

भगवान की पूजा कभी भी सूखे या बासी फूलों से नहीं करना चाहिए

कमल के फूल को लेकर मान्यता है कि यह फूल दस से पंद्रह दिन तक भी बासी नहीं होती है

चंपा की कली के अलावा किसी भी पुष्प की कली देवताओं को अर्पित नहीं करनी चाहिए

शास्त्रों के अनुसार शिवजी को प्रिय बिल्व पत्र छह माह तक बासी नहीं मानते, अत: इन्हें जल छिड़क कर पुन: शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है.

तुलसी के पत्ते 11 दिनों तक बासी नहीं होते. इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर पुन: भगवान को अर्पित किया जाता है.

Next Article

Exit mobile version