Sheetala Ashtami 2021 Puja Vidhi: शीतलाष्टमी व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में करें मां शीतला की पूजा, सभी रोगों से मिलेगी मुक्ति, कष्टों का होगा नाश

Sheetala Ashtami 2021 Date, Kab Hai, Puja Vidhi, Muhurat, Timing, Significance: हिंदू पंचांग के अनुसार आज वैशाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. जो शीतला अष्टमी व्रत के लिए जानी जाती है. यह व्रत माता शीतला को समर्पित होता है जिसे बसौड़ा भी कहा जाता है. इस व्रत को स्वास्थ्य से जोड़कर भी देखा जाता है. कहा जाता है कि शीतला अष्टमी व्रत के एक दिन पहले रात्रि को महिलाएं खाना बनाती है और सुबह ठंडे होने पर इसे माता शीतला को प्रसाद के तौर पर अर्पित करती हैं. फिर घर के सदस्यों को इसे ही ग्रहण करना होता है. आइए जानते हैं इस व्रत कि क्या है मान्यताएं, पूजा विधि, महत्व व माता शीतला के स्वरूप के बारे में...

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2021 5:58 AM

Sheetala Ashtami 2021 Date, Kab Hai, Puja Vidhi, Muhurat, Timing, Significance: हिंदू पंचांग के अनुसार आज वैशाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. जो शीतला अष्टमी व्रत के लिए जानी जाती है. यह व्रत माता शीतला को समर्पित होता है जिसे बसौड़ा भी कहा जाता है. इस व्रत को स्वास्थ्य से जोड़कर भी देखा जाता है. कहा जाता है कि शीतला अष्टमी व्रत के एक दिन पहले रात्रि को महिलाएं खाना बनाती है और सुबह ठंडे होने पर इसे माता शीतला को प्रसाद के तौर पर अर्पित करती हैं. फिर घर के सदस्यों को इसे ही ग्रहण करना होता है. आइए जानते हैं इस व्रत कि क्या है मान्यताएं, पूजा विधि, महत्व व माता शीतला के स्वरूप के बारे में…

शीतला अष्टमी व्रत की महत्व व मान्यताएं

  • ऐसी मान्यता है कि माता शीतला का व्रत आज रखने से शरीर निरोग होता है.

  • चेचक जैसे अन्य संक्रामक रोग दूर होते हैं

  • साथ ही साथ मां शीतला की पूजा अर्चना विधि पूर्वक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.

  • इसके अलावा मां शीतला के हाथ में झाड़ू से दरिद्रता दूर करती हैं, वहीं अपने दूसरे हाथ में रखे कलश धन कुबेर से भक्तों को संपन्न करती हैं.

मां शीतला का स्वरूप

मां शीतला गधे यानी गधे की सवारी करती है. उनकी दाहिनी हाथ में झाड़ू होता है वह बाएं हाथ में कलश. ऐसी मान्यता है कि इस कलश में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है.

कैसे करें मां शीतला की पूजा

  • शीतला अष्टमी व्रत के दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है

  • फिर उसी को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करना होता है.

  • इस दिन चुल्हा जलाने की परंपरा नहीं होती है.

  • इसके लिए महिलाएं एक दिन पहले ही भोजन बनाकर तैयार कर लेती है.

  • आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करना चाहिए.

  • फिर व्रत का संकल्प लेना चाहिए.

  • इस दिन स्वच्छता का विशेष रखना ख्याल रखना चाहिए.

  • और विधिपूर्वक मां शीतला की पूजा-अर्चना करके उन्हें बासी भोग अर्पित करके, प्रसाद के तौर पर उसे ही ग्रहण करना चाहिए.

शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त

  • शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त: 4 मई 2021, सुबह 6 बजकर 08 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक

  • कुल अवधि: 12 घंटे 33 मिनट की

Posted By: Sumit Kumar Verma

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