Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा की रात चांदनी में रखेंगे खीर, यहां देखें ईजी रेसिपी
Sharad Purnima 2025 Kheer Easy Recipe and Importance: शरद पूर्णिमा की रात को खीर चांदनी में रखना एक पुरानी परंपरा है. माना जाता है कि चंद्रमा की किरणों में भोजन रखने से उसमें औषधीय गुण और शुभता भर जाती है. यहां जानें इस पर्व का महत्व और घर पर आसानी से बन सकने वाली स्वादिष्ट खीर की सरल रेसिपी, साथ ही जानें क्या है इसका महत्व.
Sharad Purnima 2025 Kheer Easy Recipe and Importance: दशहरा के उत्सव के बाद जल्द ही शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इसे कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी व्रत, कुमार पूर्णिमा, महारास या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व खास तौर पर अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है, और इसे भक्ति, समृद्धि और प्रकृति के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है.
शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा का महत्व अनेक पुराणों में उल्लिखित है. भागवत पुराण (दशम स्कंध) के अनुसार, इस रात भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ दिव्य रास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार, इस रात चंद्रमा की किरणों में अमृतत्व है और यदि इस समय भोजन रखा जाए, तो उसमें औषधीय गुण भर जाते हैं. वहीं, पद्म पुराण में बताया गया है कि इस रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, और इस दिन भक्ति भाव से उनका आह्वान करने से समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.
शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने के लिए जरूरी सामग्री
शरद पूर्णिमा पर खीर बनाना एक पुरानी परंपरा है. इसे बनाना अपेक्षाकृत आसान है और इसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है. खीर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री में शामिल हैं: आधा लीटर फुलक्रीम दूध, आधा कप बासमती चावल, 2-3 धागे के केसर, आधा कप चीनी, एक चौथाई कप कसा हुआ नारियल, और काजू, बादाम व पिस्ता के कतरन (प्रत्येक एक चौथाई कप), साथ ही एक चम्मच इलायची पाउडर.
खीर बनाने की विधि
खीर बनाने की विधि सरल है. सबसे पहले चावल को धोकर लगभग एक घंटे के लिए भिगो दें. इसके बाद दो चम्मच दूध में केसर भिगोकर अलग रखें. पैन में दूध गरम करें और इसमें केसर व भिगोए हुए चावल डालकर धीमी आंच पर पकाएं. जब चावल अच्छे से पक जाएं, तब इसमें चीनी, इलायची पाउडर, नारियल और मेवे डालकर मिलाएं. थोड़ी देर चलाने के बाद गैस बंद कर दें. खीर को सर्व करने से पहले ऊपर से पिस्ता और बादाम की कतरन से सजाएं.
कब है शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस साल यह पर्व 6 अक्तूबर को पड़ रहा है. पारंपरिक रूप से इस रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाने और उसे रखकर खाने की परंपरा रही है, जिसे स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ के लिए शुभ माना जाता है.
