Shani Dhaiya: कर्क-वृश्चिक राशि पर इस दिन से शुरू हो जाएगी शनि ढैय्या, जानिए शनि ढैय्या के प्रभाव और बचाव के उपाय

Shani Dhaiya: शनि देव को क्रूर ग्रह माना जाता है. शनि देव जब जन्म कुंडली में शुभ स्थान पर होते है तो अच्छे परिणाम देते है. वहीं, जब शनि की स्थिति कमजोर व अशुभ होने पर जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2021 1:59 PM

Shani Dhaiya: शनि देव को क्रूर ग्रह माना जाता है. शनि देव जब जन्म कुंडली में शुभ स्थान पर होते है तो अच्छे परिणाम देते है. वहीं, जब शनि की स्थिति कमजोर व अशुभ होने पर जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. शनि हर ढाई साल में अपना राशि परिवर्तन करते है. शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती और कुछ राशियों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाती है. इस समय शनि मकर राशि में विराजमान हैं.

शनि देव 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे. शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी. शनि कुंभ राशि के स्वामी है. ऐसे में इन राशि वालों पर इस राशि परिवर्तन का विशेष प्रभाव पड़ेगा. शनि अपने राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों पर अपना प्रभाव डालते हैं…

शनि ढैय्या का प्रभाव

शनि ढैय्या शुरू होते ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों की मुश्किले बढ़ जाएगी. इस दौरान कार्यों में देरी हो सकती है. किये गए सभी काम बिगड़ सकता है. सफलता पाने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है. गलत कार्यों व गलत संगति में पड़ सकते हैं. इस दौरान मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. वाद-विवाद में फंस सकते हैं.

शनि ढैय्या से बचाव के उपाय

शनिदेव को न्याय प्रिय देवता माना जाता है. शनिदेव लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. ऐसे में शनि की महादशा के दौरान गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. इस दौरान झूठ और कठोर वचन आदि नहीं बोलना चाहिए. इस दौरान बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए. शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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