Sawan Somwar 2025: पहली सावन सोमवारी आज, जानें शिव भक्तों के लिए पूजन का श्रेष्ठ समय
Sawan Somwar 2025: आज सावन की पहली सोमवारी है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है. शिव भक्त व्रत, जलाभिषेक और मंत्र जाप के माध्यम से भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं. जानिए इस पावन दिन पर पूजन का श्रेष्ठ समय और विधि, जिससे मिलेगी विशेष कृपा.
Sawan Somwar 2025: श्रावण मास 2025 का शुभारंभ इस वर्ष 11 जुलाई से हो चुका है, और इसके साथ ही भगवान शिव की भक्ति का अद्भुत वातावरण देशभर में देखने को मिल रहा है. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है, जो शिवभक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायक और महत्वपूर्ण माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक शिव पूजन करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति व सफलता आती है.
सावन के सोमवार क्यों होते हैं विशेष?
ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव अत्यंत जल्दी प्रसन्न होते हैं. इसी कारण हर साल लाखों श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और बेलपत्र, धतूरा, दूध आदि अर्पित करते हैं.
भगवान शिव को प्रिय क्यों है बेलपत्र? सावन में जानें इसका रहस्य
सावन 2025 में कुल चार सोमवार होंगे:
- पहला सोमवार: 14 जुलाई
- दूसरा सोमवार: 21 जुलाई
- तीसरा सोमवार: 28 जुलाई
- चौथा सोमवार: 4 अगस्त
14 जुलाई को पूजन का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 14 जुलाई को चतुर्दशी तिथि पर पहला सोमवार आ रहा है. इस दिन पूजन का शुभ समय सुबह 1:02 बजे से रात 11:59 बजे तक रहेगा. इस अवधि में शिवलिंग पर जलाभिषेक व मंत्र जाप अत्यंत फलदायी रहेगा.
सावन सोमवार पूजन विधि (सरल तरीका)
- सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
- भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश की स्थापना करें.
- शिवलिंग पर जल, दूध, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा, फूल, फल और मिष्ठान अर्पित करें.
- दीपक व अगरबत्ती जलाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें.
- अंत में शिव आरती करें और संपूर्ण परिवार की कुशलता की प्रार्थना करें.
- व्रत रखने वाले दिनभर फलाहार करते हैं और शाम को पुनः पूजन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं.
सावन 2025 के अन्य महत्वपूर्ण पर्व
- 21 जुलाई: दूसरा सोमवार और मासिक शिवरात्रि
- 28 जुलाई: तीसरा सोमवार
- 29 जुलाई: नाग पंचमी (नाग देवता पूजन)
- 4 अगस्त: अंतिम सावन सोमवार
इन पावन अवसरों पर शिवभक्त अपने जीवन की सुख-शांति, स्वास्थ्य, संतान, और समृद्धि के लिए व्रत, पूजा और साधना करते हैं.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
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