Sarva Pitru Amavasya 2025: 20 या 21 सितंबर, सर्वपितृ अमावस्या कब, जानें मुहूर्त
Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्वपितृ अमावस्या 2025 पितृपक्ष का अंतिम दिन है, जब पितरों के श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व होता है. इस बार लोग 20 या 21 सितंबर को लेकर असमंजस में हैं. आइए जानें सर्वपितृ अमावस्या 2025 की सही तिथि और शुभ मुहूर्त.
Sarva Pitru Amavasya 2025 Actual Date: सनातन परंपरा में आश्विन मास की अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है. इस दिन पितृपक्ष का समापन होता है और श्राद्ध, तर्पण तथा पिंडदान जैसे कर्मकांडों का अंतिम दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पितरों को श्रद्धा और विधिवत पूजा के साथ विदाई दी जाती है. जिन लोगों को अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात नहीं होती, वे इसी दिन सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकते हैं. यही कारण है कि यह दिन पूरे वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण पितृ तिथि मानी जाती है.
सर्वपितृ अमावस्या 2025 की तिथि
आश्विन मास की अमावस्या तिथि 21 सितंबर 2025 को रात 12 बजकर 16 मिनट पर प्रारंभ होकर 22 सितंबर 2025 को देर रात 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. पंचांग के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या रविवार, 21 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन पितरों के तर्पण और श्राद्ध का विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है.
शुभ मुहूर्त (श्राद्ध और तर्पण के लिए)
- कुतुप मुहूर्त – सुबह 11:50 से दोपहर 12:38 तक
- रौहिण मुहूर्त – दोपहर 12:38 से 1:27 तक
- अपराह्न काल – दोपहर 1:27 से 3:53 तक
क्यों करें इस दिन श्राद्ध
इस दिन विधिपूर्वक श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. मान्यता है कि इससे परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. जो लोग वर्षभर पितरों की तिथि भूल जाते हैं, उनके लिए सर्वपितृ अमावस्या ही पितृ तृप्ति का सबसे बड़ा अवसर है.
सर्व पितृ अमावस्या पर कर सकते हैं सभी पितरों का श्राद्ध
सर्वपितृ अमावस्या को महालय समापन या महालय विसर्जन भी कहा जाता है. इस दिन पितरों का श्राद्ध करना अत्यंत शुभ और आवश्यक माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होकर सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. कहा जाता है कि सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध करने से सभी पितरों की आत्माएं तृप्त होकर संतुष्ट हो जाती हैं और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है.
