Astrology: धनु राशि में चार ग्रहों का महासंयोग, पांच राशि वालों के लिए अगले 15 जनवरी 2026 तक गोल्डन टाइम

Astrology: धनु राशि में चार ग्रह एक साथ हो गए हैं. सूर्य, मंगल, शुक्र और चंद्रमा के धनु राशि में मौजूद होने से 5 राशि वालों के जीवन में बदलाव का संकेत मिल रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों का महासंयोग अत्यंत शुभ और दुर्लभ माना जा रहा है.

By Radheshyam Kushwaha | December 21, 2025 7:40 PM

Astrology: पंचांग के अनुसार धनु राशि में सूर्य, मंगल, शुक्र और चंद्रमा एक साथ मौजूद है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब धनु राशि में एक साथ चार-चार ग्रह विराजमान हो जाएं, तो यह स्थिति सामान्य नहीं बल्कि अत्यंत विशेष मानी जाती है. सूर्य, मंगल, शुक्र और चंद्रमा एक साथ धनु राशि में स्थित हैं. इसके साथ ही बुध वृश्चिक राशि में मौजूद है. देव गुरु बृहस्पति कर्क राशि में है. शनिदेव और राहु कुम्भ राशि में बैठे हुए हैं. वहीं केतु लंबे समय से सिंह राशि में विराजमान हैं. यह समग्र ग्रह योग जीवन में बड़े बदलाव, विचारों की तीव्रता और विशेष उपलब्धियों का संकेत दे रहा हैं. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु: से कि धनु राशि में चार ग्रहों का महासंयोग किन राशियों के लिए लकी रहने वाला है.

Astrology: धनु राशि में सूर्य-मंगल, शुक्र और चंद्रमा का प्रभाव

धनु राशि में सूर्य, मंगल, शुक्र और चंद्रमा : धनु राशि में ग्रहों के राजा सूर्य के साथ मंत्री मंगलदेव भी मौजूद है, इसके साथ ही शुक्रदेव और चंद्रदेव भी विराजमान हैं. धनु राशि में चार ग्रहों की युति व्यक्ति को आदर्शवादी, निर्भीक, स्पष्ट वक्ता और मार्गदर्शक स्वभाव का बनाती है. धनु राशि में सूर्य का होना व्यक्ति को आत्मसम्मान, नेतृत्व क्षमता और स्पष्ट दृष्टि प्रदान करता है. इस स्थिति में जातक अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है और अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने से नहीं डरता.

साहस, ऊर्जा और संघर्ष को तेज करेंगे मंगलदेव

धनु राशि में मंगल की उपस्थिति साहस, ऊर्जा और संघर्ष करने की क्षमता को कई गुना बढ़ा देती है. व्यक्ति जोखिम लेने से नहीं घबराता और बड़े लक्ष्य निर्धारित करता है. वहीं शुक्र का धनु राशि में होना जीवन में आकर्षण, कला, प्रेम और सामाजिक लोकप्रियता देता है. व्यक्ति खुले विचारों वाला, मिलनसार और जीवन को खुलकर जीने वाला होता है. चंद्रमा का धनु राशि में होना मन को दार्शनिक, आशावादी और ज्ञानप्रिय बनाता है. ऐसा व्यक्ति भावनात्मक होते हुए भी दूरदृष्टि रखता है और भविष्य को लेकर बड़े सपने देखता है.

वृश्चिक राशि में बुध ग्रह का प्रभाव

वृश्चिक राशि में बुध: ग्रहों के राजकुमार बुध देव का वृश्चिक राशि में होना अत्यंत गहरी और खोजी बुद्धि प्रदान करता है. ऐसा व्यक्ति आधी-अधूरी बातों से संतुष्ट नहीं होता है, बल्कि हर विषय की जड़ तक जानने की कोशिश करता है. यह स्थिति रिसर्च, गुप्त विद्या, मनोविज्ञान, रणनीति, लेखन, जांच-पड़ताल और मैनेजमेंट से जुड़े क्षेत्रों में सफलता दिला सकती है. हालांकि, कभी-कभी अत्यधिक सोच, संदेह और मानसिक उलझन भी देखने को मिल सकती है. ऐसे में संवाद में स्पष्टता और धैर्य बनाए रखना आवश्यक होता है.

कर्क राशि में देव गुरु बृहस्पति प्रभाव

कर्क राशि में गुरु: देव गुरु बृहस्पति का कर्क राशि में होना अत्यंत शुभ और दुर्लभ माना जाता हैं. यह गुरु की उच्च राशि है, जहां वे हंस योग का निर्माण करते हैं. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को विद्या, धर्म, अच्छे संस्कार, पारिवारिक सुख और समाज में सम्मान प्राप्त होता है. ऐसे जातक पर ईश्वर की विशेष कृपा मानी जाती है. कठिन परिस्थितियों में भी कोई न कोई मार्ग निकल आता है. व्यक्ति दूसरों के लिए प्रेरणा बनता है और सलाहकार, शिक्षक या मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है.

कुम्भ राशि में शनि और राहु का प्रभाव

संघर्ष के बाद ऊंचाई: न्याय के देवता शनि और राहु का कुम्भ राशि में एक साथ होना जीवन में बड़े बदलावों और असामान्य परिस्थितियों का संकेत देता है. यह योग व्यक्ति को समाज से अलग सोचने वाला बनाता है. शुरुआती जीवन में संघर्ष, देरी और मानसिक दबाव संभव है, लेकिन समय के साथ यही अनुभव उसे मजबूत और परिपक्व बनाते हैं. यह स्थिति तकनीक, विज्ञान, राजनीति, सामाजिक सुधार, बड़े संगठनों और जनसेवा से जुड़े कार्यों में सफलता दिला सकती है. देर से सही, लेकिन सफलता स्थायी रहती है.

सिंह राशि में केतु का प्रभाव

वैराग्य और आत्मबोध: केतु का सिंह राशि में होना व्यक्ति को भीतर से वैरागी और आत्मविश्लेषण करने वाला बनाता है. ऐसा जातक नेतृत्व क्षमता रखता है, लेकिन दिखावे और अहंकार से दूर रहना पसंद करता है. कभी-कभी आत्मविश्वास में कमी या स्वयं को कम आंकने की प्रवृत्ति भी देखी जा सकती है. आध्यात्मिक दृष्टि से यह स्थिति व्यक्ति को आत्मज्ञान, साधना और आंतरिक विकास की ओर ले जाती है.

जानें क्या कहता हैं ज्योतिष शास्त्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति जीवन में ज्ञान, साहस, संघर्ष, नेतृत्व और आध्यात्मिक विकास का अद्भुत संगम बनाती है. धनु राशि में चार ग्रह व्यक्ति को ऊंचे लक्ष्य और स्पष्ट विचार देते हैं. वहीं कर्क में उच्च का गुरु जीवन में सुरक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करता है. शनि-राहु संघर्ष के बाद स्थायी सफलता देते हैं और केतु आत्मिक परिपक्वता प्रदान करता है. सही दिशा, संयम और सकारात्मक सोच के साथ यह योग व्यक्ति को समाज में विशेष स्थान और सम्मान दिला सकता है.

चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु:
ज्योतिषाचार्य एवं हस्त रेखा विशेषज्ञ
Mo- +918620920581

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