Saphala Ekadashi Vrat Katha: आज सफला एकादशी पर जरूर सुनें ये व्रत कथा, मिलेगा अद्भुत लाभ
Saphala Ekadashi Vrat Katha: आज 15 दिसंबर 2025 को सफला एकादशी का व्रत रखा जा रहा है, इस पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन सुनने वाली व्रत कथा न केवल आध्यात्मिक ज्ञान देती है, बल्कि पुण्य और लाभ भी बढ़ाती है. श्रद्धा और भक्ति से कथा का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और स्थिरता प्राप्त होती है.
Saphala Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धर्म में सफला एकादशी का व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है. यह साल की आखिरी एकादशी होती है और भगवान विष्णु की पूजा करने से हजारों वर्ष तक साधना का पुण्य लाभ प्राप्त होता है. विशेष कथा का पाठ करने से व्रत का शुभफल और अधिक मिलता है.
सफला एकादशी पूजा और शुभ मुहूर्त
सफला एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान, कथा पाठ और भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है. व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त वैदिक पंचांग के अनुसार निर्धारित किया जाता है.
- सफला एकादशी तिथि – 15 दिसंबर 2025, सोमवार
- एकादशी शुरू – 14 दिसंबर 2025, शाम 06:49 बजे
- एकादशी समाप्त – 15 दिसंबर 2025, रात 09:19 बजे
- व्रत पारण समय – 07:07 ए एम से 09:11 ए एम (16 दिसंबर 2025)
- पारण दिन द्वादशी समाप्त – 15 दिसंबर 2025, रात 11:57 बजे
कथा के अनुसार चंपावती नामक नगर में राजा महिष्मान अपने चार पुत्रों के साथ रहते थे. सबसे बड़े पुत्र का स्वभाव पापी और दुष्ट था और वह देवी-देवताओं की निंदा करता था.
लुम्पक का परिवर्तन
एक बार वह नगर से बाहर चला गया और जंगल में रहने लगा. भुखमरी और कठिन परिस्थितियों के बाद, वह एक संत के पास पहुंचा. संत ने उसका आदर किया और भोजन प्रदान किया.
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साधु की आज्ञा और व्रत
संत के मार्गदर्शन में लुम्पक ने साधु की आज्ञा मानी और सफला एकादशी का व्रत रखा. इसके बाद महात्मा ने अपना वास्तविक स्वरूप प्रकट किया, जिसमें लुम्पक ने देखा कि महात्मा रूप में उसके पिता खड़े हैं. इसके बाद लुम्पक ने राजा का कार्यभार संभाला. लुम्पक पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी का व्रत करने लगा.
