Paush Amavasya 2025 Exact Date: 19 या 20 दिसंबर, जानें कब है पौष अमावस्या

Paush Amavasya 2025 Exact Date: पौष अमावस्या को लेकर लोगों के मन में अक्सर तिथि को लेकर भ्रम रहता है. यह अमावस्या पितरों को समर्पित मानी जाती है और स्नान, दान व तर्पण के लिए बेहद शुभ होती है. ऐसे में जानना जरूरी है कि पौष अमावस्या 19 दिसंबर को है या 20 दिसंबर को.

By Shaurya Punj | December 16, 2025 9:09 AM

Paush Amavasya 2025 Exact Date: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. यह दिन पितरों को समर्पित माना गया है. पौष महीने में पड़ने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह वर्ष की अंतिम अमावस्या होती है, इसलिए इसका आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व और भी बढ़ जाता है. इस दिन स्नान, दान, तर्पण और पितरों की शांति के लिए किए गए उपाय अत्यंत फलदायी माने जाते हैं.

पौष अमावस्या कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह की अमावस्या तिथि 19 दिसंबर 2025 को सुबह 04 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी, जबकि इसका समापन 20 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदया तिथि के आधार पर पौष अमावस्या का व्रत 19 दिसंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा.

पौष अमावस्या पर पूजा विधि

पवित्र स्नान

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना श्रेष्ठ माना जाता है. यदि संभव न हो, तो घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं. स्नान के बाद ॐ नमः शिवाय या ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें.

सूर्य देव की पूजा

स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को जल अर्पित करें. जल अर्पण करते समय मंत्र बोलें— ॐ घृणिः सूर्याय नमः.

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पितृ तर्पण

पौष अमावस्या का सबसे महत्वपूर्ण कर्म पितृ तर्पण है. कुश लेकर जल में तिल मिलाकर पितरों के नाम से तर्पण करें. मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पौष अमावस्या पर क्या सावधानियां रखें?

  • इस दिन निर्जला व्रत रखने का विधान है, विशेष परिस्थिति में फलाहार किया जा सकता है
  • पितरों के निमित्त दान अवश्य करें
  • गाय, कुत्ते या अन्य पशुओं को हरा चारा खिलाना शुभ माना जाता है
  • संध्याकाल में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर प्रकाश की व्यवस्था करें