आज 16 जून से पंचक शुरू, भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना हो सकता है नुकसान

Panchak June 2025: आज 16 जून से पंचक की शुरुआत हो गई है, जो 20 जून तक चलेगा. पंचक के दौरान कुछ कार्यों को अशुभ माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, इस काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, वरना जीवन में संकट, हानि या बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. जानें वे 5 वर्जित कार्य.

By Shaurya Punj | June 16, 2025 10:55 AM

Panchak June 2025: आज 16 जून का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन वैधृति योग, रवि योग और धनिष्ठा नक्षत्र जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं. साथ ही, इसी दिन से पंचक की शुरुआत भी हो रही है, जो 20 जून तक चलेगा. ऐसे में अगले पांच दिनों तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, जैसे विवाह, गृह प्रवेश या नया व्यापार आरंभ करने से बचना चाहिए. वाहन, सोना या कीमती वस्तुओं की खरीदारी करने से पहले ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें.

क्या होता है पंचक

हिंदू पंचांग के अनुसार पंचक वह अवधि होती है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है और क्रमशः धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में भ्रमण करता है. यह समय धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, जिसमें कई कार्यों को वर्जित बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, इस काल में कुछ विशेष कार्य करने से जीवन में रुकावटें, अशांति और दुर्भाग्य आ सकता है. आइए जानें पंचक के दौरान किन कार्यों से परहेज करना चाहिए—

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नया बिस्तर या चारपाई न बनवाएं

पंचक के दौरान लकड़ी या बांस की चारपाई बनवाना अथवा खरीदना शुभ नहीं माना जाता. मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है या अकाल मृत्यु की आशंका बनती है.

मकान की छत न डालें या निर्माण कार्य स्थगित करें

इस समय घर की छत डालना, कोई बड़ा निर्माण कार्य शुरू करना या मकान की नींव रखना वर्जित माना जाता है. यह क्लेश, खर्च और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है.

महंगे सामान की खरीदारी से बचें

पंचक काल में सोना, चांदी, वाहन या कीमती वस्तुएं खरीदने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेनी चाहिए. इस दौरान बिना विचार किए की गई खरीदारी आर्थिक नुकसान या बाधा का कारण बन सकती है.

नई यात्रा की शुरुआत न करें

पंचक में विशेष रूप से दक्षिण दिशा की यात्रा को अशुभ माना गया है. यदि यात्रा करना जरूरी हो, तो उचित पूजा या उपाय कर यात्रा शुरू करें ताकि कोई बाधा न आए.

दाह संस्कार विशेष विधि से करें

अगर पंचक के दौरान किसी की मृत्यु होती है, तो परंपरा के अनुसार पांच पुतले बनाकर उनके साथ दाह संस्कार किया जाता है, जिससे परिवार के अन्य सदस्यों पर कोई संकट न आए.