Navratri Puja Samagri List: इस दिन से शुरू हो रही है नवरात्रि, नोट करें कलश स्थापना सामग्री लिस्ट और घटस्थापना विधि

Navratri Puja Samagri List: नवरात्रि का पर्व शुरू होने में अब बस कुछ दिन रह गए हैं. मां दुर्गा के भक्तों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखा जाता है. भारत के कई हिस्सों में लोग महीनों पहले से ही मां दुर्गा के स्वागत की तैयारियों में जुट जाते हैं और उनकी प्रतिमा की स्थापना के लिए बड़े-बड़े पंडाल बनाते हैं.ऐसे में आइए जानते हैं मां दुर्गा की पूजा और कलश स्थापना में किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है.

By Neha Kumari | September 18, 2025 3:09 PM

Navratri Puja Samagri List: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025 को होने वाली है, जिसका समापन 2 अक्तूबर 2025 को दशहरा के साथ होगा. इस वर्ष की नवरात्रि मां दुर्गा के भक्तों के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस बार नवरात्रि का चौथा दिन दो दिन तक पड़ रहा है.

नवरात्रि के पहले दिन विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर मां दुर्गा की चौकी स्थापित की जाती है. आइए जानते हैं माता की चौकी स्थापना से लेकर पूजा के दौरान लगने वाली सामग्रियों के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से.

नवरात्रि पूजा सामग्री सूची (Navratri Puja Samagri List)

कलश स्थापना के लिए सामग्री:

नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. इसे बेहद शुभ और मंगलकारी माना जाता है. विधि-विधान से कलश स्थापित करने के लिए निम्न सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है:

  • मिट्टी, पीतल या तांबे का कलश
  • शुद्ध मिट्टी और जौ (अंकुरित करने के लिए)
  • आम या अशोक के पाँच पत्ते
  • कलश के ऊपर रखने के लिए छोटी कटोरी (जिसे अनाज से भरा जाता है)
  • एक नारियल (लाल कपड़े या चुनरी में लपेटा हुआ)
  • लाल कपड़ा/चुनरी और मौली (कलावा)
  • अक्षत और गंगाजल
  • सिंदूर और हल्दी-चूना से बना तिलक
  • एक सुपारी और एक सिक्का

घटस्थापना विधि:

  1. नवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
  2. लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रोली या चंदन से स्वास्तिक बनाएं.
  3. अब एक कलश में जल भरें और उसमें हल्दी, रोली, अक्षत तथा एक सिक्का डालें.
  4. कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रखें और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें.
  5. एक बर्तन में शुद्ध मिट्टी डालकर उसमें जौ बोएं और उसी के ऊपर कलश स्थापित करें.
  6. दीपक जलाकर माता दुर्गा का आह्वान करें और विधिवत पूजा-अर्चना करें.
  7. अंत में माता की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.

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