Navratri 2025 Day 7: कैसा है माता कालरात्रि का स्वरूप? जानें मां क्यों करती हैं गधे की सवारी

Navratri 2025 Day 7: सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी. मां कालरात्रि को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. माता के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन से भय का नाश होता है और जीवन में खुशहाली आती है. इस आर्टिकल में हम माता के विकराल स्वरूप और गधे की सवारी के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करेंगे.

By Neha Kumari | September 28, 2025 6:15 AM

Navratri 2025 Day 7: शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन यानी सप्तमी को मां भवानी के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. मां की आराधना से भय, दुख-दर्द और परेशानियां दूर होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

माता कालरात्रि का स्वरूप

माता कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और विकराल है. उनका वर्ण काला है, तीन नेत्र हैं और बाल खुले हुए हैं. माता के गले में मुंडमाला है और वे गधे की सवारी करती हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में है, जो अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि दूसरा हाथ वरद मुद्रा में है, जो उनके कष्टों को दूर करता है.

मां कालरात्रि की पूजा विधि

  • नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • पूजा स्थल की अच्छी तरह सफाई करें और फूलों से सजावट करें.
  • इसके बाद मां कालरात्रि का आह्वान करें.
  • मां के सामने दीपक जलाएं और मंत्रों का उच्चारण करते हुए अक्षत, रोली, चंदन, फूल और फल अर्पित करें.
  • मां को गुड़ का भोग लगाएं.
  • दीपक और कपूर से आरती करें.
  • अंत में लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला लेकर मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें.

माता कालरात्रि क्यों करती हैं गधे की सवारी?

गधे को शांति, संयम और कभी-कभी जड़ता और साधारण इच्छाओं का प्रतीक माना जाता है. मां कालरात्रि गधे पर सवार होकर यह दर्शाती हैं कि वे अज्ञान, भय और नकारात्मक ऊर्जा को हराकर अपने भक्तों की रक्षा करती हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

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