Navratri 2025 Day 6: कुछ ऐसा है माता कात्यायनी का स्वरूप, जानें किसकी करती है सवारी

Navratri 2025 Day 6: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना की जाएगी. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा से वैवाहिक जीवन मजबूत होता है और विवाह योग्य भक्तों का शीघ्र विवाह होता है. इस आर्टिकल में हमने मां कात्यायनी के स्वरूप की व्याख्या की है, साथ ही पूजा के महत्व का उल्लेख किया है.

By Neha Kumari | September 27, 2025 7:48 AM

Navratri 2025 Day 6: नवरात्रि के महापर्व के छठे दिन मां कात्यायनी की घरों, मंदिरों और पंडालों में विशेष पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय, वैवाहिक जीवन में सुख और शीघ्र विवाह का योग बनता है. शास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा का यह रूप महर्षि कात्यायन के घर जन्मा था, इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है.

मां कात्यायनी का स्वरूप कैसा है?


मां कात्यायनी का रूप भव्य, ऊर्जावान और दिव्य शक्ति का प्रतीक है. उनके चार हाथ हैं. दाहिने हाथ में ऊपर अभय मुद्रा और नीचे वर मुद्रा है, जबकि बाएं हाथ में ऊपर तलवार और नीचे कमल है. मां कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं.

पूजा विधि

  • इस दिन पूजा करने से पहले स्नान करें और पूजा स्थल को साफ करें.
  • पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें.
  • कमल का फूल हाथ में लेकर मां कात्यायनी का आह्वान करें.
  • इसके बाद पंचोपचार विधि से पूजा करें और मां को लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें.
  • घी या कपूर जलाकर आरती करें.
  • मां के मंत्रों का उच्चारण करें.

मां कात्यायनी का महत्व


मां कात्यायनी को फल देने वाली देवी माना जाता है. मान्यता है कि मां की आराधना से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और शीघ्र विवाह का योग बनता है. कहा जाता है कि ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए यमुना तट पर मां कात्यायनी की पूजा करती थीं. इसी कारण उन्हें ब्रजमंडल की मुख्य देवी भी कहा जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

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