Navratri 2021: मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को लगाए ये अलग-अलग भोग, माता होंगी प्रसन्न

07 अक्टूबर 2021 से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा प्रारंभ हो जाएगी. इस दौरान मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण उन्हें हर दिन अलग प्रसाद चढ़ाते हैं. आप भी जानिए, किस दिन मां के किस रूप को क्या चढ़ाने से होगी विशेष फल की प्राप्ति.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2021 8:46 AM

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों को समर्पित हैं. यानि हर दिन एक अलग देवी की पूजा का विधान है. हर देवी का अलग स्वरूप है और अलग महात्म्य भी. इसीलिए नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा को उनकी पसंद का भोग लगाने से माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. भारत में 9 दिनों तक मां दुर्गा (Ma Durga) के विभिन्न रूपों को स्थापित कर विधि-विधान से उनका पूजन किया जाएगा. देवी मां के इन रूपों में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

9 दिन लगेगा अलग भोग

07 अक्टूबर 2021 से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा प्रारंभ हो जाएगी. इस दौरान मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण उन्हें हर दिन अलग प्रसाद चढ़ाते हैं. आप भी जानिए, किस दिन मां के किस रूप को क्या चढ़ाने से होगी विशेष फल की प्राप्ति.

पहला दिन मां शैलपुत्री-

मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है.

दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी

दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना. और इन देवी को लगाया जाता है शक्कर और पंचामृत का भोग. मां को इसका भोग लगाने से दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.

तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा

नवरात्रि के तीसरे दिन माता के स्वरूप चंद्रघंटा का पूजन करने का रिवाज है. उन्हें दूध से बनी मिठाइयों व खीर का भोग लगाया जाता है.

चौथा दिन – मां कुष्मांडा

मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं. इसके बाद प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान कर दें और खुद भी खाएं. इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी.

पांचवां दिन – मां स्कंदमाता

भक्तों की अच्छी सेहत और मां दुर्गा के आशीर्वाद के लिए नवरात्रि के पांचवे दिन मां के स्कंदमाता स्वरूप को भोग में केला चढ़ाया जाता है.

छठा दिन – मां कात्यायनी

षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है. इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए. इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है.

सातवां दिन – मां कालरात्रि

जिंदगी में आने वाले संकटों से अपनी रक्षा करने के लिए माता के कालरात्रि स्वरूप को गुड़ या उससे बनी मिठाइयों का भोग लगाया जाता है.

आठवां दिन – मां महागौरी

नवरात्रि के आठवें दिन माता के महागौरी स्वरूप को नारियल का भोग लगाए जाने की परंपरा है. आप नारियल से बनी मिठाइयां भी उन्हें अर्पित कर सकते हैं.

नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री

इस दिन नवरात्रि का समापन होता है. और इस दिन माता रानी को लगाया जाता है हलवा पूरी और चने का भोग. मां रूपी नौ बाल कन्याओं को घर बुलाया जाता है और फिर पूरे प्यार और आदर के साथ उन्हें पूजा जाता है, भोजन कराया जाता है. जिससे मां प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती हैं.

Posted By: Shaurya Punj

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