क्यों Swami Vivekananda Jayanti के दिन ही National Youth Day मनाई जाती है, जानें क्या है इसका इतिहास और महत्व

National Youth Day 2021, Yuwa Divas, History, Importance, Swami Vivekananda Jayanti: दुनिया को भारतीय संस्कृति और जीवन पद्धति से परिचय कराने वाले महान आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से एक स्वामी विवेकानंद की जयंती आज है. युवाओं के प्रेरणा के प्रतिक नेता विवेकानंद की याद में ही हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस या नेशनल युथ दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई. आइए जानते हैं युवा दिवस का क्या है इतिहास और इसका महत्व..

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2021 5:52 AM

National Youth Day 2021, Yuwa Divas, History, Importance, Swami Vivekananda Jayanti: दुनिया को भारतीय संस्कृति और जीवन पद्धति से परिचय कराने वाले महान आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से एक स्वामी विवेकानंद की जयंती आज है. युवाओं के प्रेरणा के प्रतिक नेता विवेकानंद की याद में ही हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस या नेशनल युथ दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई. आइए जानते हैं युवा दिवस का क्या है इतिहास और इसका महत्व..

कौन थी स्वामी विवेकानंद

तेजस्वी बालक के नाम से प्रसिद्ध नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म भारत के कोलकाता के एक कुलीन परिवार में सन् 1863 में हुआ था. वे आगे चलकर स्वामी विवेकानंद के नाम से जाने गए.

क्या है उनका इतिहास

स्वामी भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक बने. इन्होंने अमेरिका के शिकागो में 1893 में आयोजित विश्व धर्म संसद में अपना ऐसा भाषण दिया कि युवाओं के प्रेरणादायक बन गए. उन्होंने अपने प्रभावी भाषण के दौरान पश्चिमी दुनिया को भारतीय वेदांत दर्शन से परिचय करवाया. साथ ही साथ भारतीय संस्कृति व सनातन पद्धति से भी लोगों को परिचय करवाया.

इन्होंने धर्म संसद से सन 1897 में भारत लौटने के बाद अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के नाम पर एक संस्था की स्थापना की जिसका नाम रखा रामकृष्ण मिशन रखा. जो आज भी संचालित है और उनके आदर्शों पर चलता है. 4 फरवरी 1902 में वे अपने कमरे में ध्यान लगाने गए और वहीं परलोक सिधार गए.

क्या है युवा दिवस का इतिहास

भारत सरकार ने भी उन्हें अपना आध्यात्मिक और दार्शनिक नेता माना. यही कारण है कि देश के युवाओं के प्रति उनके विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की परंपरा 1984 में शुरू की गयी. ये वह दिन है जब स्वामी जी का जन्म हुआ था.

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स्वामी विवेकानंद के विचार

स्वामी विवेकानंद हमेशा युवाओं की क्षमता को दोहन करना चाहते थे. वे अपने विचारों से युवाओं को ध्यान केंद्रित करना चाहते थे. स्वामी विवेकानंद चाहते थे की युवा पीढ़ी देश के लिए आगे बढ़े अंग्रेजों का मुकाबला करें और स्वतंत्रता में अपना योगदान दें.

विवेकानंद का यह भी मानना था कि पढ़ना जरूरी है और पढ़ने के लिए एकाग्रता जरूरी है और एकाग्रता के लिए ध्यान जरूरी है अर्थात युवाओं को अपनी इंद्रियों पर संयम रखना आना चाहिए. तब वे कुछ भी हासिल कर सकते है.

उन्होंने एक बार भाषण के दौरान यह भी कहा था कि जब तक तुम खुद पर भरोसा नहीं करोगे तो तुम्हें ईश्वर पर भरोसा नहीं हो सकता है.

इसके अलावा उनके एक और अनमोल वचनों में से एक था जब उन्होंने युवाओं को कहा था, उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर लेते.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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