Matri Navami Shradh 2022: मातृ नवमी श्राद्ध आज, मुहूर्त, विधि और इस दिन का महत्व जानें

Matri Navami Shradh 2022: मातृ नवमी का श्राद्ध आज यानी 19 सितंबर, सोमवार को है. आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि या पितृपक्ष नवमी श्राद्ध तिथि को मातृनवमी श्राद्ध के रूप में भी जाना जाता है. यह तिथि माता का श्राद्ध करने के लिये सबसे उपयुक्त माना जाता है. जानें शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2022 8:21 AM

Matri Navami Shradh 2022: मातृ नवमी श्राद्ध (Matri Navami Shradh) तिथि आज यानी 19 सितंबर, सोमवार को है. पितृ पक्ष में नवमी श्राद्ध परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिये किया जाता है, जिनकी मृत्यु नवमी तिथि को हुई हो. दृक पंचांग के अनुसार इस दिन शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की नवमी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है. नवमी श्राद्ध तिथि को मातृनवमी (Matri Navami) के रूप में भी जाना जाता है. यह तिथि माता का श्राद्ध करने के लिये सबसे उपयुक्त दिन होता है. इस तिथि पर श्राद्ध करने से परिवार की सभी मृतक महिला सदस्यों की आत्मा प्रसन्न होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है.

मातृ नवमी श्राद्ध तिथि, मुहूर्त (Matri Navami Shradh Tithi, Muhurat)

नवमी श्राद्ध सोमवार, सितम्बर 19, 2022 को

नवमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 18, 2022 को 04:32 शाम बजे

नवमी तिथि समाप्त – सितम्बर 19, 2022 को 07:01 शाम बजे

कुतुप मूहूर्त – 11:50 सुबह से 12:39 दोपहर

अवधि – 00 घण्टे 49 मिनट्स

रौहिण मूहूर्त – 12:39 दोपहर से 01:28 दोपहर

अवधि – 00 घण्टे 49 मिनट्स

अपराह्न काल – 01:28 दोपहर से 03:55 शाम

अवधि – 02 घण्टे 27 मिनट्स

मातृ नवमी श्राद्ध की विधि (Matri Navami Shradh Vidhi)

  • मातृ नवमी के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें.

  • अब घर के दक्षिण दिशा में एक हरे रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर सभी दिवंगत पितरों की फोटो रखें. अगर फोटो ना हो, तो उसकी जगह एक साबूत सुपारी रख दें.

  • अब श्रद्धा पूर्वक सभी पितरों के नाम से एक दीये में तिल का तेल डालकर, उसे जलाएं.

  • इसके बाद सुगंधित धूप या अगरबत्ती जलाकर सबकी फोटो के सामने रखें और एक तांबे के लोटे में जल डालकर उसमें काला तिल मिलाकर पितरों का तर्पण करें.

  • दिवंगत पितरों की फोटो पर तुलसी के पत्ते अर्पित करें और आटे से एक बड़ा दीया जलाकर उसे सबकी की फोटो के आगे रखें.

  • अब व्रती महिलाएं कुश के आसन पर बैठकर भगवत गीते के नौवें अध्याय का पाठ करें.

  • श्राद्धकर्म पूरा होने के बाद ब्राह्मणों को लौकी की खीर, मूंगदाल, पालक सब्जी और पूरी आदि का भोजन कराएं.

  • ब्राह्मण भोजन के बाद यथाशक्ति अनुसार उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें.

Also Read: Jitiya Vrat 2022: जितिया व्रत आज, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम और पारण का समय जानें
मातृ नवमी श्राद्ध का महत्व (Matri Navami Shradh
Importance)

मातृ नवमी का श्राद्ध 19 सितंबर 2022, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को किया जाएगा. इस दिन मुख्य रूप से परिवार के सदस्य अपनी माता और परिवार की ऐसी महिलाओं का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु एक सुहागिन के रूप में होती है. यही कारण है कि इस दिन पड़ने वाले श्राद्ध को मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं.

Next Article

Exit mobile version