Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या पर इस मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजा

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या हिन्दू धर्म में पितरों की शांति और पुण्य कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है. इस दिन तर्पण, पिंडदान, और भगवान विष्णु तथा देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर 2025 को है और इसे अगहन अमावस्या भी कहा जाता है.

By Shaurya Punj | November 19, 2025 7:34 AM

Margashirsha Amavasya 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. यह दिन पितरों की शांति और पुण्य कर्मों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर 2025 को है, जिसकी शुरुआत 19 नवंबर की सुबह 9:43 बजे हुई थी और समापन 20 नवंबर दोपहर 12:16 बजे होगा.

भगवान विष्णु की पूजा का मुहूर्त

मार्गशीर्ष अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे शुभ माना गया है. इस दिन आप सुबह 05:01 बजे से लेकर 05:54 बजे तक पूजा-पाठ कर सकते हैं. इस समय भगवान विष्णु की पूजा और तर्पण करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों का तर्पण करना अत्यंत पुण्यकारी होता है. इस दिन की गई पूजा-पाठ और पिंडदान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा भी शुभ मानी जाती है.

इस दिन तर्पण और दान करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है, जीवन की समस्याओं का अंत होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में भी कहा है कि महीने में मैं मार्गशीर्ष हूँ. इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या चंद्रदेव को भी समर्पित है.

इसलिए इस दिन पितरों के तर्पण, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत लाभकारी है. मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत रखने से जीवन में शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली आती है.