Makar Sankranti in Bihar: आज और कल मनेगी मकर संक्राति, जानें स्नान-दान करने का शुभ समय और पुण्यकाल

Makar Sankranti 2022 timing in Bihar: 14 जनवरी शुक्रवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट पर भगवान भास्कर मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे और इसी के साथ शुरू हो जायेंगे. खरमास समाप्त हो जायेगा. रात में संक्रांति लग रही है, इसलिए इसका पूण्यकाल अगले दिन 15 जनवरी शनिवार को मनाया जायेगा.

By Radheshyam Kushwaha | January 14, 2022 9:22 AM

मकर संक्रांति इस बार 14 और 15 जनवरी दोनों दिन मनायी जायेगी. कुछ जगहों पर लोग मिथिला पंचांग के अनुसार शुक्रवार को ही लोग मकर संक्रांति पर्व को लेकर स्नान, दान आदि करेंगे, जबकि अधिकतर जगहों पर वाराणसी पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को संक्रमणकाल रात 8 बजकर 34 मिनट पर होने के कारण अगले दिन 15 जनवरी (शनिवार) को सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक उतम रहेगा. वहीं, 12 बजकर 34 मिनट दिन तक मध्यम पुण्यकाल है. इसलिए शनिवार की सुबह ही स्नान, दान और मकर संक्रांति संबंधित पुण्य कर्म किये जायेगे.

मिथिला पंचांग के अनुसार शुक्रवार को मकर संक्रांति

डॉ राजनाथ झा के अनुसार पंचांगों में इस बार 14 जनवरी (शुक्रवार) को रात 8:34 बजे सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश कर रहे है. इसलिए परंपरावादी 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाने के पक्षधर है. मिथिला पंचांग ने भी 14 जनवरी को ही पुण्यकाल की मान्यता दी है. वही, दिवाकर पंचाग को मानने वाले भी 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति पर्व की मान्यता दे रहे है.

इसलिए शनिवार को मनेगी मकर संक्रांति

वही, ज्योतिष श्रीपति‍ त्रिपाठी ने बताया कि‍ वाराणसी पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 मे मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2022, पौष मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी की तिथि को मनाया जायेगा. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते है, तो इसे हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. 14 जनवरी शुक्रवार को रात में 8:34 पर भगवान भास्कर मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे और इसी के साथ शुरू हो जायेंगे. खरमास समाप्त हो जायेगा. रात में संक्रांति लग रही है, इसलिए इसका पूण्यकाल अगले दिन 15 जनवरी शनिवार को मनाया जायेगा.

तिथि को लेकर ऊहापोह की स्थिति क्यों

ज्योतिष मार्ण्डेय शारदेय के अनुसार इस बार मकर संक्रांति‍ को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. प्रायः सभी आचार्य का मंतव्य है कि सायंकाल या अर्धरात्रि को मकर राशि में संक्रमण होने पर दूसरे ही दिन सनान, दान का विधान है. सिंधु एवं धर्मसिंधु दोनों का समान निर्णय है. रात्रि के पूर्व भाग, प्रभाग या मध्य रात्रि में संक्रांति होने पर अगले दिन ही पुण्यकाल मान्य है. स्पष्ट है कि यदि 14 जनवरी को संक्रमणकाल रात्रि 8:34 है, तो अगले दिन 15 जनवरी (शनिवार) को सुबह 8:34 तक उतम व 12:34 बजे दिन तक मध्यम पुण्यकाल है.

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