Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि की पूजा करने से दूर होगा कालसर्प योग, जानें कैसे

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि के दिन आप कालसर्प दोष से मुक्ति का उपाय कर सकते हैं. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का दिन कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) से मुक्ति के सबसे आसान उपाय क्या है

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2023 7:22 AM

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि का दिन कालसर्प दोष की शांति का दिन भी होता है. जिस जातक की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष होता है उसका पूरा जीवन संकटमय ही बना रहता है, इसलिए इसकी शांति करवाना बहुत जरूरी होता है.  इस दिन आप कालसर्प दोष से मुक्ति का उपाय कर सकते हैं. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का दिन  कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) से मुक्ति के सबसे आसान उपाय क्या है

क्यों होता है काल सर्प योग

कालसर्प योग तब बनाता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु के मध्य समस्त ग्रह आकर घूमने लगते हैं. ऐसे में वायक्ति हमेशा परेशान रहता है. घर की सुख शांति भी खत्म हो जाती है और आर्थिक तंगी बहुत परेशान करती है.

शिव पूजा से दूर होगा कालसर्प दोष

सर्प को हिंदू धर्म में भगवान शिव के गले का हार माना जाता है ऐसे में इसकी पूजा करना काफी लाभकारी माना जाता है. अगर आपके जीवन में कालसर्प दोष है तो इसके लिए महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन स्थित महाकालेश्वर या फिर नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या फिर प्रयागराज स्थित तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में विधि से पूजा करने पर यह दोष खत्म हो जाता है. वहीं कुछ ज्योतिष बताते हैं कि इस दिन भगवान शिव को चांदी के नाग और नागिन भी चढ़ाना चाहिए.

 इसके पाठ से कालसर्प दोष का दुष्प्रभाव खत्म होता है. इसे प्रतिदिन भी पढ़ सकते हैं.

महाशिवरात्रि पर शिव पंचाक्षर स्तोत्र पाठ
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।
वशिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः।।
ओम नम: शिवाय, हर हर महादेव, भगवान शिव शंकर की जय.

कालसर्प दोष से मुक्ति की करें प्रार्थना

महाशिवरात्रि को जब आप भगवान शिव की बेलपत्र, भांग, धतूरा, गंगाजल, सफेद फूल, चंदन, शहद आदि से विधिपूर्वक पूजा कर लें, उसके बाद मन को शांत करें और प्रभु शिव शंकर का स्मरण करें. फिर शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद शिव जी का अरती करके उनसे कालसर्प दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.

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