Aaj Ka Panchang 28 December 2025: आज पौष शुक्ल पक्ष अष्टमी उपरांत नवमी तिथि, जानें पंचांग में शुभ-अशुभ समय
Aaj Ka Panchang 28 December 2025: आज का पंचांग हमें शुभ-अशुभ समय और ग्रहों की स्थिति के बारे में बताता है, जिससे हम अपने महत्वपूर्ण कार्यों को शुभ समय में शुरू कर सकते हैं और अशुभ समय से बच सकते हैं. पंचांग में ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र, योग और करण के बारे में जानकारी होती है, जो हमारे जीवन में संतुलन और सुख-शांति बनाए रखने में मदद करता है.
Aaj Ka Panchang 28 December 2025: आज 28 दिसंबर 2025, दिन रविवार है. पंचांग के अनुसार आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि में रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि आरंभ होगी. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु: से आज का संपूर्ण पंचांग, शुभ-अशुभ समय और उपाय…
Aaj Ka Panchang आज का पंचांग: 28 दिसंबर 2025, दिन रविवार
दिन: रविवार
तिथि: पौष, शुक्ल पक्ष, अष्टमी (दोपहर 11:59 AM तक, उसके बाद नवमी)
संवत: श्री शुभ संवत 2082
शक संवत: 1947
हिजरी सन: 1447
सूर्योदय: 07:11 – 07:13 AM
सूर्यास्त: 05:33 – 05:46 PM
नक्षत्र, योग व करण
सूर्योदय कालीन नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद (सुबह 08:43 AM तक), उसके बाद रेवती
योग: वरियान (सुबह 10:13 AM तक), उसके बाद परिघ
करण: बव (दोपहर 11:59 AM तक), उसके बाद बालव
ग्रह स्थिति (सूर्योदय कालीन)
सूर्य: धनु राशि
चंद्रमा: मीन राशि
मंगल: धनु राशि
बुध: वृश्चिक राशि
देव गुरु बृहस्पति: मिथुन राशि (वक्री)
शुक्र: धनु राशि
शनि: मीन राशि
राहु: कुंभ राशि
केतु: सिंह राशि
चौघड़िया मुहूर्त (रविवार)
प्रातः काल
प्रातः 07:12 से 08:31 तक – उद्वेग
प्रातः 08:31 से 09:50 तक – चर
प्रातः 09:50 से 11:09 तक – लाभ
प्रातः 11:09 से 12:28 तक – अमृत
दोपहर काल
दोपहर 12:28 से 01:47 तक – काल
दोपहर 01:47 से 03:06 तक – शुभ
सायंकाल
शाम 03:06 से 04:25 तक – रोग
शाम 04:25 से 05:44 तक – उद्वेग
खरीदारी के लिए शुभ समय
प्रातः 09:50 AM से दोपहर 12:28 PM तक
(लाभ व अमृत चौघड़िया होने से यह समय मांगलिक वस्तुओं की खरीदारी के लिए उत्तम है)
अशुभ समय
राहुकाल: 04:25 PM से 05:44 PM तक
गुलिक काल: 03:06 PM से 04:25 PM तक
दिशाशूल: पश्चिम दिशा
(रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा वर्जित मानी जाती है)
नोट- यदि यात्रा आवश्यक हो तो पान या घी खाकर घर से निकलें.
आज का सरल उपाय (रविवार विशेष)
सूर्य देव को तांबे के पात्र से जल (अर्घ्य) अर्पित करें.
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
“ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें.
लाल चंदन या लाल फूल जल में डालकर सूर्य को चढ़ाएं.
चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु:
ज्योतिषाचार्य एवं हस्त रेखा विशेषज्ञ
Mo- +91 8620920581
