Maa Saraswati: किस समय जीभ पर बैठती हैं मां सरस्वती? जानें इस मान्यता का रहस्य
Maa Saraswati: हिंदू धर्म में वाणी की शक्ति को अत्यंत पवित्र माना गया है. कहा जाता है कि दिन में एक विशेष समय ऐसा होता है जब मां सरस्वती स्वयं जीभ पर विराजती हैं और उस वक्त बोले गए शब्द सच हो जाते हैं. जानें इस रोचक मान्यता के पीछे छिपा धार्मिक रहस्य.
Maa Saraswati: हिंदू धर्म में वाणी, ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को अत्यंत पूजनीय माना गया है. अक्सर घरों में बड़े बुजुर्ग बच्चों को यह समझाते हैं कि कभी भी बुरे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए. वे कहते हैं कि दिन में एक समय ऐसा आता है जब मां सरस्वती स्वयं हमारी जीभ पर विराजमान होती हैं, और उस समय बोले गए शब्द फलित हो जाते हैं. यही कारण है कि elders बार-बार अच्छी वाणी और सकारात्मक बोलने की सलाह देते हैं.
क्यों कहते हैं बुजुर्ग—बुरा मत बोलो?
माना जाता है कि मां सरस्वती दिन में एक बार हर व्यक्ति की जीभ पर बैठती हैं, और इस दौरान कही गई बात सच हो सकती है. यह मान्यता सदियों से चली आ रही है और कई लोग अपने जीवन में इस अनुभव का दावा भी करते हैं. लेकिन सवाल यह है कि आखिर वह विशेष समय कौन-सा है जब सरस्वती वाणी पर विराजती हैं?
एक मान्यता—जब आपकी जीभ पर बैठती हैं मां सरस्वती
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, ब्राह्म मुहूर्त वह समय है जब देवी सरस्वती जीभ पर बैठती हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह का अत्यंत पवित्र और उर्जावान समय माना गया है. यह अवधि लगभग सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच होती है. कहा जाता है कि इस समय वातावरण शांत, मन स्थिर और चित्त निर्मल होता है, इसलिए इस समय बोले गए शब्दों का प्रभाव गहरा माना जाता है.
कौन-सा समय होता है सबसे प्रभावशाली?
इसी वजह से विद्वान, योगी और साधक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अध्ययन, साधना और जप करते हैं. यह समय मन में सकारात्मक ऊर्जा भरता है और बुद्धि को प्रखर करता है. शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस समय गलत या नकारात्मक शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह वाणी सिद्ध होने का काल माना जाता है.
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ब्रह्म मुहूर्त कब होता है और क्यों है विशेष?
यही कारण है कि बुजुर्ग हमेशा सीख देते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शुभ कार्य करें, अच्छी बातें कहें और मन को शांत रखें—क्योंकि यही वह समय है जब मां सरस्वती आपकी वाणी पर विराज सकती हैं और आपके शब्द फलित हो सकते हैं.
