Kharmas 2025: खरमास में किस देवता की पूजा सबसे ज्यादा फलदायी होती है? जानें किसकी भक्ति से खुलते हैं भाग्य के द्वार
Kharmas 2025: खरमास का महीना संयम, साधना और भक्ति का विशेष समय माना जाता है.इस दौरान मांगलिक कार्य भले ही वर्जित हों, लेकिन पूजा-पाठ और दान के लिए यह काल अत्यंत फलदायी होता है.जानिए खरमास में किस देवता की पूजा से जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है.
Kharmas 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस काल को खरमास कहा जाता है. यह समय लगभग एक महीने तक रहता है और इसे संयम, साधना और भक्ति का विशेष काल माना जाता है. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ मांगलिक कार्यों पर रोक होती है, लेकिन पूजा-पाठ, दान और आध्यात्मिक साधना के लिए यह समय अत्यंत फलदायी माना गया है.
खरमास में सबसे फलदायी होती है सूर्य देव की पूजा
शास्त्रों के अनुसार खरमास में सूर्य देव की उपासना सबसे अधिक पुण्य फल देने वाली मानी जाती है. क्योंकि इस पूरे काल में सूर्य धनु राशि में रहते हैं और देवताओं के गुरु बृहस्पति की राशि से उनका विशेष संबंध होता है. इस दौरान सूर्य की आराधना करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य, सरकारी क्षेत्र में सफलता और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
सूर्य पूजा के लिए प्रतिदिन सुबह स्नान कर तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, गुड़ और अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.
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भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा भी होती है अत्यंत शुभ
खरमास में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की भक्ति भी विशेष फल देने वाली मानी जाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दौरान विष्णु पूजन से कर्ज से मुक्ति, पारिवारिक सुख और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है. कई स्थानों पर इस महीने में भागवत कथा और राम कथा का आयोजन भी किया जाता है.
खरमास की पूजा से मिलने वाले लाभ
- रोग और मानसिक तनाव से मुक्ति
- आर्थिक परेशानियों में कमी
- घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा
- सूर्य और गुरु ग्रह की विशेष कृपा
