Kanya Sankranti 2025: कन्या संक्रांति पर इस काम के करने से मिलता है पुण्य, जाने किन चीजों का करें दान

Kanya Sankranti 2025: कन्या संक्रांति को धर्मग्रंथों में पुण्यकारी दिन माना गया है. इस अवसर पर दान, स्नान और जप-पाठ का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अन्न, वस्त्र, तेल, गौ और स्वर्ण का दान करने से पाप नष्ट होकर सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यही दिन पुण्य संचय का उत्तम अवसर है.

By Shaurya Punj | September 15, 2025 3:39 PM

Kanya Sankranti 2025: सनातन धर्म में सूर्य का गोचर यानी राशि परिवर्तन, जिसे संक्रांति कहा जाता है, बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. सूर्य हर 30 दिन में अपनी राशि बदलते हैं. जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे कन्या संक्रांति कहा जाता है. ज्योतिषशास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से यह एक शुभ समय होता है.

इस साल 2025 में, कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा एक ही दिन मनाई जाएगी, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाएगा. विशेष रूप से इंजीनियरों, तकनीशियनों और कारीगरों के लिए यह दिन बेहद खास रहेगा.

कन्या संक्रांति की तिथि और मुहूर्त

इस वर्ष कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2025 को शाम 04:57 बजे होगी. इस दौरान सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और अगले 30 दिनों तक इसी राशि में रहेंगे.

कन्या संक्रांति का महत्व

संक्रांति के दिन सूर्य की ऊर्जा का विशेष महत्व होता है. यह ऊर्जा व्यक्ति में सकारात्मकता लाती है, जिससे जीवन में बदलाव और प्रगति दिखाई देती है. कन्या संक्रांति पर सूर्य कन्या राशि में गोचर करते हैं, जिसके स्वामी बुध हैं. सूर्य के इस गोचर से कन्या राशि में ‘बुधादित्य’ योग बनता है, जो बुद्धि, विवेक, सेवा और कर्म से जुड़े कार्यों में लाभ देता है।

यह दिन आत्मशुद्धि, दान, सेवा और पितरों की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल विश्वकर्मा पूजा के साथ होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है. यह दिन कारखानों, मशीनों, औजारों और निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है।

कन्या संक्रांति पर कैसे करें दान और पूजा?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
  • पूजा स्थल की साफ-सफाई करें.
  • उगते हुए सूर्य को जल दें. जल में लाल फूल और लाल चंदन मिलाएँ.
  • अपने कुल देवता की पूजा करें और दीपक जलाएं.
  • ज़रूरतमंद लोगों को लाल रंग के कपड़े, घी, गेहूँ और गुड़ का दान करें.
  • शांत मन से ध्यान करें और गायत्री मंत्र या सूर्य मंत्र का जाप करें.
  • इस दिन किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचें और तामसी भोजन की जगह सात्विक भोजन करें.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847