Jivitputrika Vrat 2025: जिउतिया व्रत कब, यहां से जानें पूजा विधि

Jivitputrika Vrat 2025: जिउतिया व्रत 2025, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, संतान की लंबी उम्र और कुशलता की कामना के लिए किया जाने वाला विशेष उपवास है. माताएं निर्जला उपवास रखकर भगवान जिमूतवाहन की पूजा करती हैं और संतान की रक्षा की प्रार्थना करती हैं.

By Shaurya Punj | September 10, 2025 10:05 AM

Jivitputrika Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार का अपना विशिष्ट महत्व है. इन्हीं में से एक है जिउतिया व्रत (Jivitputrika Vrat), जिसे माताएं संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना से करती हैं. इस व्रत की विशेषता यह है कि महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास (बिना अन्न और जल ग्रहण किए) रखकर श्रद्धापूर्वक भगवान जिमूतवाहन की पूजा करती हैं. यह व्रत मुख्यतः बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.

जिउतिया व्रत 2025 कब है?

व्रत की तिथि: 14 सितंबर 2025, रविवार
अष्टमी तिथि प्रारंभ: सुबह 05:04 बजे (14 सितंबर)
अष्टमी तिथि समाप्ति: रात 03:06 बजे (15 सितंबर)

जिउतिया व्रत का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार, जिउतिया व्रत की कथा भगवान जिमूतवाहन से संबंधित है. कहा जाता है कि उनके आशीर्वाद से संतान पर आने वाले संकट दूर होते हैं और बच्चों को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. यही कारण है कि माताएं यह व्रत पूर्ण श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए करती हैं.

जिउतिया व्रत पूजा विधि

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें.
  • घर या मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें.
  • चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर भगवान जिमूतवाहन की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
  • घी का दीपक जलाकर आरती करें.
  • जिउतिया व्रत की कथा का श्रवण और पाठ करें.
  • फल, फूल और मिष्ठान्न का भोग लगाएं.
  • संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें.

जिउतिया व्रत पर क्या दान करें?

इस दिन पूजा के बाद दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है.

  • अन्न, वस्त्र और धन
  • तिल (विशेषकर काले तिल)
  • भोजन और मिष्ठान्न
  • जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े

धार्मिक मान्यता है कि इन वस्तुओं का दान करने से बच्चों की आयु, स्वास्थ्य और भाग्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

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नोट: जन्मकुंडली, वास्तु और व्रत-त्योहार से संबंधित किसी भी जानकारी हेतु ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा (ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ) से संपर्क कर सकते हैं.
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