Jitiya Vrat 2025: किन महिलाओं को नहीं करना चाहिए जितिया व्रत? जानिए वजह

Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु और सुरक्षा के लिए करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान के जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता आती है. ऐसे जितिया व्रत हर मां के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन सभी महिलाओं के लिए इसे करना जरूरी नहीं है. कुछ महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए, इसलिए पहले जान लें कि किन्हें यह व्रत करने से बचना चाहिए.

By Neha Kumari | September 13, 2025 6:13 PM

Jitiya Vrat 2025: आज 13 सितंबर 2025 को जितिया व्रत का नहाय-खाय है. इसके अगले दिन यानी 14 सितंबर को जितिया व्रत रखा जाएगा. इस व्रत को महिलाएं संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. यह व्रत 3 दिनों तक चलता है. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन जितिया व्रत, और तीसरे दिन पारण किया जाता है. व्रत के दौरान माताएं निर्जला उपवास करती हैं. ऐसे जितिया व्रत हर मां के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन सभी महिलाओं के लिए इसे करना जरूरी नहीं है. कुछ महिलाएं इस व्रत को नहीं रख सकतीं, इसलिए पहले जान लें किन्हें यह व्रत करने से बचना चाहिए.

किन महिलाओं को जितिया व्रत नहीं रखना चाहिए?

गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए. जितिया का व्रत निर्जला होता है, यानी व्रत के दौरान किसी भी तरह के खाने-पीने का सेवन नहीं किया जाता. लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाएं व्रत न रखकर केवल पूजा करके संतान के अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर सकती हैं.

निसंतान महिलाएं: जितिया व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. इसलिए परंपरा के अनुसार, जिन महिलाओं की संतान नहीं है, उन्हें यह व्रत नहीं करना चाहिए. हालांकि, कुछ जगहों पर मान्यता है कि निसंतान महिला भी व्रत रख सकती है ताकि उन्हें संतान सुख प्राप्त हो.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

यह भी पढ़े: Vishwakarma Puja 2025: 16 या 17 सितंबर कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें पर्व का महत्व और पूजा विधि 

यह भी पढ़े: Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराते समय बरतें ये सावधानियां, वरना नहीं मिलेगा पितृ का आशीर्वाद